Bihar Latest News मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद विकल्प के रूप में सोनबरसा विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का निर्णय लिया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में सदा ने जदयू प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था।
By Sunil RajEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 16 Jun 2023 09:26 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश मंत्रिमंडल से संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए मंत्री के एक पद पर शुक्रवार को रत्नेश सदा शपथ लेंगे। इधर, भाजपा ने दागी मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर रत्नेश सदा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। रत्नेश को जदयू कोटे से मंत्री बनाया जा रहा है।शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी और अधिकारी शामिल मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद विकल्प के रूप में मुसहर समाज से आने वाले सोनबरसा विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का निर्णय लिया है।
2020 के विधानसभा चुनाव में रत्नेश सदा ने सोनवर्षा विधानसभा सुरक्षित सीट से जदयू प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस प्रत्याशी तरनी ऋषिदेव को 13466 वोट से पराजित किया था।
वे अभी जदयू के सचेतक हैं।
संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ नए चेहरों को मंत्री पद दिया जाएगा।
लेकिन फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा यह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं है।
मंत्री का जो एक पद रिक्त हुआ है, उसे भरा जा रहा है। 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की महाबैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर सरकार विचार-मंथन करेगी।
विस्तार से पहले दागी मंत्रियों को बर्खास्त करें मुख्यमंत्री: सिन्हा
इधर, भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने 16 जून को प्रस्तावित नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दागी मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि पिछले बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने स्वयं सदन में कांटी हत्याकांड के आरोपी मंत्री इसरायल मंसूरी की जांच कराने की बात कही थी।लेकिन सदन में मेरे द्वारा उन्हें कागजात उपलब्ध कराए जाने के बावजूद न तो एफआइआर दर्ज हुई न ही बर्खास्त किया गया। अन्य विवादित, दागी और बाहुबली मंत्रियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।प्रस्तावित फेरबदल में पांच-पांच विभाग की जिम्मेदारी से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुक्त किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य और नगर विकास विभाग का कार्य ठप हो गया है, क्योंकि न तो इनके पास समय है और न ही इनकी रुचि बिहार के विकास में है।क्या राजद में योग्य व्यक्तियों की कमी है? मुख्यमंत्री ने 14 जून को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यक्रम में कहा था कि कई जगहों पर बोगस काम हुआ है।आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या मंत्री के रूप में उप मुख्यमंत्री इसके लिए दोषी नहीं हैं?
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