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Bihar Caste Census Economic Survey : बिहार में आय छिपा रहे यादव? हिंदू-मुस्लिम सवर्ण और OBC का ये है हाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Bihar Caste Census Economic Survey Full Report बिहार में Caste Census Economic Survey Report के मुताबिक आय का खुलासा करने के मामले में कायस्थ आगे हैं। सवर्णों ने इसके खुलासें में अरुचि दिखाई है। 50 हजार रुपये से अधिक आय वाले परिवारों का प्रतिशत ईबीसी से एसटी में अधिक है। सोनार परिवारों की आय 50 हजार रुपये से अधिक है। 7.80 फीसदी कुर्मी और बनिया इतना कमाते हैं।

By Jai Shankar BihariEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 07 Nov 2023 09:55 PM (IST)
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Bihar Caste Census Economic Survey : बिहार में आय छिपा रहे यादव? हिंदू-मुस्लिम सवर्ण और OBC का ये है हाल
जयशंकर बिहारी, पटना। Bihar Caste Based Census : अपनी आय का स्रोत बताने में कायस्थ से ज्यादा यादव परिवारों ने अरुचि दिखाई है। कायस्थ में सिर्फ 3.87 प्रतिशत परिवारों ने मासिक आय से संबंधित जानकारी साझा नहीं की।

वहीं, 4.23 प्रतिशत यादव परिवारों ने सर्वे टीम को अपनी आय से संबंधित जानकारी देने से इनकार कर दिया। यह आंकड़ा बिहार जाति आधारित गणना 2022-23 की रिपोर्ट (Bihar Caste Based Economic Data) में सार्वजनिक किया गया है।

ओवरआल 4.47 प्रतिशत परिवारों ने आय का स्रोत साझा नहीं किया। सवर्ण परिवार के 4.85 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के 4.18, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 4.44, अनुसूचित जाति के 4.69 तथा अनुसूचित जनजाति के चार प्रतिशत परिवारों ने आय का स्रोत नहीं दिया है।

सवर्ण मुस्लिमों ने दिखाई ज्यादा अरुचि

हिंदू-मुस्लिम की सात जातियों को सवर्ण की श्रेणी में रखा गया है। आय का स्रोत बताने के मामले में हिंदू सवर्ण की तुलना में इसी श्रेणी की मुस्लिम जातियों ने ज्यादा अरुचि दिखाई है।

5.65 प्रतिशत शेख, 5.18 प्रतिशत पठान व 5.67 प्रतिशत सैयद ने अपनी आय से संबंधित जानकारी नहीं दी है। वहीं, हिंदू सवर्ण जातियों में 4.82 प्रतिशत ब्राह्मण परिवार, 4.42 भूमिहार, 4.47 राजपूत व 3.87 प्रतिशत कायस्थ परिवारों ने आय का स्रोत नहीं बताया है।

पिछड़ा वर्ग में ईसाई धर्मावलंबी ज्यादा संपन्न

50 हजार से अधिक मासिक आय के मामले में पिछड़ी जाति के इसाई धर्मावलंबी सवर्ण जातियों से भी आगे हैं। पिछड़ा वर्ग के ईसाई धर्मावलंबी परिवारों में 23.53 प्रतिशत की मासिक आय 50 हजार रुपये से अधिक है।

वहीं, इसी श्रेणी में यादव के 3.2 प्रतिशत, कुशवाहा के 4.30, कुर्मी व बनिया के 7.80 प्रतिशत, सोनार के 11.39 प्रतिशत परिवार शामिल हैं।

ब्राह्मण के 18.33 प्रतिशत परिवार, भूमिहार के 19.05, राजपूत के 18.96 तथा कायस्थ के 24.41 प्रतिशत परिवारों की मासिक आय 50 हजार रुपये से अधिक है।

वहीं, सवर्ण मुस्लिम जातियों में सैयद के 19.97 प्रतिशत परिवार, पठान के 15.17 तथा शेख के 10.80 प्रतिशत परिवारों की मासिक आय 50 हजार से अधिक बताई गई है।

हर पांचवीं मंगलामुखी की आय 50 हजार से अधिक

बिहार जाति आधारित गणना 2022-23 में मंगलामुखी (थर्ड जेंडर) की संख्या को लेकर आक्रोश जताया था। वहीं, आय के मामले में हर पांचवीं मंगलामुखी 50 हजार रुपये से अधिक हर महीने प्राप्त करती है।

रिपोर्ट के अनुसार, 20.39 प्रतिशत मंगलामुखी की मासिक आय 50 हजार रुपये से अधिक है, जबकि 25 प्रतिशत की आय छह हजार रुपये से भी कम है।

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