Bihar Caste Census Economic Survey: सवर्ण, OBC या SC-ST; बिहार में किस-किस के पास हैं चार पहिया वाहन? देखें आंकड़े
Bihar Caste Census Economic Survey Full Report देश भर में भले ही गाड़ियों की बिक्री धड़ल्ले से ही रही है लेकिन बिहार में अभी भी महज 5.72 लाख लोगों के पास ही अपने चार पहिया वाहन हैं। जी हां यह आंकड़े आपको हैरान जरूर करेंगे लेकिन इसे बिहार सरकार की तरफ से जारी किया गया है। नए डेटा क मुताबिक राज्य में 1.67 लाख लोगों के पास ट्रैक्टर हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 04:19 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी पटना समेत प्रदेश के सभी 38 जिलों में सड़कों पर चार पहिया वाहनों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन यह जानकर आश्चर्य होगा कि 13.7 करोड़ की आबादी में महज 5.72 लाख लोगों के पास ही अपने चार पहिया वाहन हैं। इसके अलावा, 1.67 लाख लोगों के पास ट्रैक्टर है।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को जाति आधारित गणना 2022- 23 को सरकार ने पेश किया। इसमें यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार, सामान्य वर्ग के 2.64 लाख यानी 1.31 प्रतिशत लोगों के पास अपने चार पहिया वाहन हैं।
अनुसूचित जनजाति में हालात थोड़े बेहतर
वहीं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में कुल आबादी में 95 हजार 57 लोगों के पास चार पहिया वाहन है यानी 0. 20 प्रतिशत ही चार पहिया वाहन का मालिक है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति की कुल आबादी 2 करोड़ 56 लाख से अधिक होने के बावजूद मात्र 31,145 लोगों ने चार पहिया वाहन रखा है।हालांकि अनुसूचित जनजाति में हालात थोड़े बेहतर हैं। आंकड़ों के अनुसार 21.99 लाख लोग राज्य में अनुसूचित जनजाति में आते हैं। इनमें से अब तक 4101 लोगों के पास अपने चार पहिया वाहन हैं।
ट्रैक्टर रखने वालों की संख्या
अगर ट्रैक्टर की चर्चा करें तो सामान्य वर्ग में 37,296, पिछड़ा वर्ग में 80,049, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 39,728, अनुसूचित जाति में 7495, जनजाति में 2356 और अन्य प्रतिवेदन जातियों में 138 लोगों के पास ही ट्रैक्टर हैं।आंकड़े बताते हैं कि 13.7 करोड़ में आज भी 12.48 करोड़ लोगों ने कोई वाहन नहीं रखा है।यह भी पढ़ें- सवर्णों में भूमिहार सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर, ब्राह्मण 25 तो इतने प्रतिशत राजपूत गरीब
यह भी पढ़ें- Bihar Caste Census : बिहार में यादवों के बाद कुशवाहा और कुर्मी परिवार गरीब, ये रहे पिछड़ा वर्ग के आंकड़े
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।