Move to Jagran APP

Bihar Caste Census Economic Survey: बिहार के 45 लाख लोग परदेस में कर रहे कमाई, चौंकाती है ये रिपोर्ट

Bihar Caste Census Economic Survey Full Report जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट में चौंका देने वाली बात सामने आई है। सार्वजनिक डेटा के मुताबिक 45 लाख से अधिक बिहार के लोग दूसरे राज्यों या देशों में काम करते हैं। अन्य देश में नौकरी या रोजगार करने वालों की कुल संख्या 217499 है जो राज्य की कुल आबादी का 0.17 प्रतिशत है।

By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 01:52 PM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की करीब 13 करोड़ 7 लाख की आबादी में मात्र 3.50 प्रतिशत लोग अन्य राज्य में नौकरियां रोजगार करते हैं। वहीं, अन्य देश में नौकरी और रोजगार करने वालों का प्रतिशत 0.17 है। बिहार सरकार द्वारा जाति आधारित गणना 2022-23 के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है।

बिहार विधानसभा में मंगलवार को यह रिपोर्ट पेश हुई है, जिसमें बताया गया कि बिहार की आबादी में कल 45 लाख 78 हजार 669 लोग यानी आबादी का 3.50 प्रतिशत अन्य राज्यों में नौकरी या रोजगार कर रहे हैं।

अन्य देशों में नौकरी करने वालों की संख्या

इसके अलावा, अन्य देशों में नौकरी या रोजगार करने वालों की कुल संख्या 2,17,499 है। यह राज्य की कुल आबादी का 0.17 प्रतिशत आंकड़ा है। इसी प्रकार बिहार के अन्य स्थानों पर नौकरी या रोजगार करने वालों की संख्या 15,89,000 के करीब है।

इसका मतलब है कि आबादी का 1.22 प्रतिशत हिस्सा बिहार के अन्य स्थान पर नौकरी या रोजगार कर रहा है। आंकड़ों में चौंकाने वाली बात यह है कि गणना स्थल पर अस्थाई रूप से आवासित बिहार के लोगों की संख्या 12 करोड़ 32 लाख से अधिक बताई गई है, यानी कि कुल आबादी का 94.28 प्रतिशत है।

पलायन की चर्चा

शिक्षा के लिए प्रदेश के छात्रों के पलायन को लेकर चर्चा बिहार में आम बात है, लेकिन जाति आधारित गणना के आंकड़े बताते हैं कि 13 करोड़ की आबादी में मात्र पांच लाख 52 हजार छात्र ही उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं।

वहीं, अन्य देशों में शिक्षा लेने वालों की कुल आबादी 23,738 के आसपास ही बताई गई है, जो कुल आबादी का 0.02 प्रतिशत के आसपास है।

यह भी पढ़ें- बिहार में किस जाति में कितने अमीर-गरीब? Caste Based Survey के आर्थिक आंकड़ों को आसान भाषा में यहां समझें

यह भी पढ़ें- सवर्णों में भूमिहार सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर, ब्राह्मण 25 तो इतने प्रतिशत राजपूत गरीब

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।