Bihar Caste Census: बिहार में जाति गणना को लेकर BJP ने बदली अपनी रणनीति, पार्टी को बताया पिछड़ा वर्ग का हितैषी
बिहार के दौरे पर पहुंचे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जातीय राजनीति के कई पाठ पढ़या। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में सबसे बड़ी जाति गरीबी है। गरीबों की सच्ची सेवा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। यह सब जनता को बताया जाए। पिछले पांच वर्ष में 13 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।
By Shubham SharmaEdited By: Shubham SharmaUpdated: Fri, 06 Oct 2023 05:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना : कैलाशपति मिश्र की 100वीं जंयती पर श्रद्धांजलि देने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार पहुंचे, लेकिन बिहार में जाति गणना के बाद बदली परिस्थितियों के चलते पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को जातीय राजनीति के कई पाठ भी पढ़ा गए। पार्टीजनों को निरंतर मुखर रहने का सुझाव देते हुए उन्होंने बताया कि भाजपा से बढ़कर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोई दूसरा हितैषी नहीं।
गरीबों की सच्ची सेवा करने का काम प्रधानमंत्री ने किया
भारत में सबसे बड़ी जाति गरीबी है। गरीबों की सच्ची सेवा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। यह सब जनता को बताया जाए। पिछले पांच वर्ष में 13 करोड़ से अधिक यानी 12 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। देश में अति गरीबी एक प्रतिशत से भी निचले स्तर पर है। ओबीसी के लगभग चार लाख बच्चों को स्कूल से लेकर मेडिकल कालेजों तक में नामांकन कराया है। केंद्र सरकार में 27 मंत्री पिछड़ा वर्ग से हैं। भाजपा के 85 सांसद, 1358 में से 27 प्रतिशत विधायक, 163 में से 40 प्रतिशत विधान पार्षद भी इसी वर्ग से आते हैं। कोई हमें जाति के आईने में क्या उतारेगा।
सामाजिक न्याय के लिए लड़ते रहे कैलाशपति मिश्र
गांधी मैदान के पास स्थित बाबू सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि आज जातीयता और जाति आधारित गणना की बात होती है, लेकिन कैलाशपति मिश्र ने सदैव समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ाने का काम किया। गुजरात का राज्यपाल रहते हुए भी उन्होंने जन-कल्याण को प्रमुखता दी। कर्पूरी ठाकुर के मंत्रिमंडल में वे वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रविधान किया था। सामाजिक न्याय के लिए कैलाशपति मिश्र निरंतर लड़ते रहे। उनकी राय व विचारधारा ही भाजपा के लिए आदर्श है।नड्डा ने कहा कि विकास को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार कर दिखाया है। सबका साथ-सबका विकास, यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि जीवन में इसे लेकर आगे बढ़ने का संकल्प है। आजकल ओबीसी और पिछड़ा वर्ग की खूब चर्चा हो रही है। देश के शोषित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े, दलित, आदिवासी, सबके लिए भाजपा ने लड़ाई लड़ी है। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कैलाशपति मिश्र ने लड़ाई लड़ी है।
यूपीए ने दस वर्षों तक रोके रखा महिला आरक्षण बिल
कांग्रेस को क्या नैतिक अधिकार है, जो आज ओबीसी के पक्ष में बोल रही है? कांग्रेस ने ही काका साहेब कालेलकर की रिपोर्ट को अस्वीकृत कर दिया था। उसके बाद मोरारजी देसाई सरकार में मंडल आयोग का गठन हुआ। राजीव गांधी की सरकार दोनों ही रिपोर्ट को दबाकर बैठी रही और कुछ नहीं किया। विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग की अनुशंसाओं को लागू किया और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 1993 में जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सेवाओं में ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए, तब जाकर 1995 से व्यवस्था हुई।नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार दस वर्षों तक महिला आरक्षण विधेयक को दबाए बैठी रही। भाजपा ने संसद के विशेष सत्र में केवल तीन दिनों के अंदर नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 को पारित कराया और महिला आरक्षण का कानून बनाया। अब 2029 में लोकसभा चुनाव होगा और 2027 के बाद जो विधानसभा चुनाव होगा, तब अधिक महिलाएं जीतकर सांसद और विधायक बनेंगी।
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