Bihar Caste Census : बिहार में यादवों के बाद कुशवाहा और कुर्मी परिवार गरीब, ये रहे पिछड़ा वर्ग के आंकड़े
Bihar Caste Wise Poverty बिहार में जातीय गणना के आर्थिक आंकड़े सामने आ गए हैं। डेटा से पता चलता है कि पिछड़े वर्ग में यादवों के बाद कुशवाहा और कुर्मी समाज के परिवार गरीब हैं। इनके बाद बनिया का स्थान आता है। राज्य में यादवों की कुल संख्या 38.58 लाख है। इसमें 13.83 लाख परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है।
By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 07 Nov 2023 04:15 PM (IST)
जागरण टीम, पटना। बिहार में जातीय गणना के आर्थिक आंकड़े सामने आ गए हैं। डेटा से पता चलता है कि पिछड़े वर्ग में यादवों के बाद कुशवाहा और कुर्मी समाज के परिवार गरीब हैं। इनके बाद बनिया का स्थान आता है। राज्य में यादवों की कुल संख्या 38.58 लाख है। इसमें 13.83 लाख परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। इसका मतलब है कि 35 प्रतिशत यादव परिवार राज्य के अंदर गरीबी में जी रहा है।
वहीं, कुशवाहा (कोईरी) परिवार की बात करें तो राज्य में इनकी कुल संख्या 11.83 लाख है। इसमें 4.06 लाख परिवार गरीब है। आंकड़ों के मुताबिक 34 प्रतिशत कुशवाहा परिवार राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर है। इसके अलावा, कुर्मी की कुल संख्या 8.07 लाख है। इसमें 2.41 लाख यानी कि 29 प्रतिशत कुशवाहा परिवार गरीब है।
पिछड़े वर्ग में बनिया परिवार की कुल संख्या 6.53 लाख है। इसमें 1.60 लाख यानी कि 24 प्रतिशत परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। इसके अलावा, सुरजापारी मुस्लिम की कुल संख्या 5.53 लाख है। इसमें 1.62 लाख यानी कि 29 प्रतिशत परिवार गरीब है।
पिछड़े वर्ग में सोनार की कुल संख्या 1.78 लाख है। इसमें गरीब परिवार की संख्या 47 हजार यानी की 26.58 प्रतिशत है। वहीं, गोस्वामी, सन्यासी, अतिथ/अथीत, गोसाई और जति/यति की कुल संख्या 97 हजार के करीब है। इसमें 29,826 यानी कि 30.67 प्रतिशत परिवार गरीब है।
घटवार की कुल संख्या 26,381 है। इसमें गरीब परिवार 11,652 यानी कि 44.17 प्रतिशत हैं। इसके अलावा, पिछड़े वर्ग में भाट/भट/ब्रह्मभट/राजभट की कुल संख्या 22,422 है। इसमें गरीब परिवार की संख्या 5310 यानी कि 23.68 है। वहीं, मलिक (मुस्लिम) की कुल संख्या 20,720 है। इसमें 3576 यानी कि 17.26 प्रतिशत गरीब परिवार हैं।
कोटिवार आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की संख्या
क्रमांक | कोटि | परिवार की कुल संख्या | गरीब परिवारों का आंकड़ा | गरीब परिवारों का प्रतिशत |
1. | सामान्य वर्ग | 43,28,282 | 10,85,913 | 25.09 |
2. | पिछड़ा वर्ग | 74,73,529 | 24,77,970 | 33.16 |
3. | अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 98,84,904 | 33,19,509 | 33.58 |
4. | अनुसूचित जाति | 54,72,024 | 23,49,111 | 42.93 |
5. | अनुसूचित जनजाति | 4,70,256 | 2,00,809 | 42.70 |
6. | अन्य प्रतिवेदित जातियां | 39,935 | 9,474 | 23.72 |
कुल | 2,76,68,930 | 94,42,786 | 34.13 |
सभी स्रोतों से मासिक आय
क्रमांक | विवरणी | परिवार की संख्या | प्रतिशत (%) |
1. | रुपये 6000 तक | 94,42,786 | 34.13 |
2. | रुपये 6000 से अधिक और 10000 तक | 81,91,390 | 29.61 |
3. | रुपये 10000 से अधिक और 20000 तक | 49,97,142 | 18.06 |
4. | रुपये 20000 से अधिक और 50000 तक | 27,20,870 | 9.83 |
5. | रुपये 50000 से अधिक | 10,79,466 | 3.90 |
6. | लागू नहीं (वैसे परिवार जिसने अपनी आय की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है) | 12,37,276 | 4.47 |
कुल |
2,76,68,930 |
100.00 |
सभी स्त्रोतों से न्यूनतम मासिक आय के आधार पर 94,42,786 परिवार आर्थिक रूप से गरीब माने जा सकते हैं।
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