Bihar Caste Census: जाति गणना पर सवाल उठाने वालों को नीतीश के मंत्री का खुला चैलेंज, विपक्ष पर भी जमकर बरसे
वित्त मंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना के आंकड़े पर अगर किन्हीं को आपत्ति है तो उन्हें सरकार के समक्ष अपना सुझाव रखना चाहिए था। अगर राजनीति से प्रेरित होकर जाति आधारित गणना के आंकड़े पर विरोध प्रकट किया जा रहा तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरे प्रदेशवासियों के लिए गौरव का विषय है कि जाति आधारित गणना को अमलीजामा पहुंचाने वाला पहला प्रदेश बन गया है बिहार।
राज्य ब्यूरो, पटना: जदयू के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय चौधरी ने मंगलवार को कहा कि जाति आधारित गणना के आंकड़े पर सवाल उठाने वाले प्रमाणिक आधार पेश करें। बिहार सरकार ने कभी भी सुझावों का दरवाजा बंद नहीं किया है। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह भी जन सुनवाई कार्यक्रम में मौजूद थीं।
बिहार बना पहला प्रदेश
वित्त मंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना के आंकड़े पर अगर किन्हीं को आपत्ति है तो उन्हें सरकार के समक्ष अपना सुझाव रखना चाहिए था। अगर राजनीति से प्रेरित होकर जाति आधारित गणना के आंकड़े पर विरोध प्रकट किया जा रहा तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरे प्रदेशवासियों के लिए गौरव का विषय है कि जाति आधारित गणना को अमलीजामा पहुंचाने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है बिहार।
(मंत्री विजय कुमार)
अन्य राज्यों में भी होगी मांग
देश की अन्य राज्य सरकारों ने इसे आरंभ जरूर किया था पर इसकी जटिलताओं को देखकर अपने कदम वापस खींच लिए थे। यह नीतीश कुमार की प्रभावकारी शैली का प्रमाण है कि जब उन्होंने जाति आधारित गणना शुरू किया तो उसे पूरा भी कराया। यह कदम युगांतरकारी है। देश के अन्य राज्यों में भी जनता इसकी मांग उठाएगी।
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