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Bihar Caste Census: अपनी-अपनी जाति की संख्या को लेकर तेज हुई गोलबंदी, इन नेताओं ने खड़े किए सवाल

बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर अब सियासत तेज है। यादव समाज की जनसंख्या अधिक दिखाने का आरोप लगाते हुए उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी प्रश्न खड़ा कर रहे हैं तो मुकेश सहनी मछली के टुकड़ों की तरह मल्लाह समाज को नौ खानों में बांट देने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं वीआईपी प्रमुख का दावा है कि मल्लाह/निषाद समाज एकजुट है और रहेगा।

By Raman ShuklaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 08 Oct 2023 09:26 PM (IST)
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अपनी-अपनी जाति की संख्या को लेकर तेज हुई गोलबंदी, इन नेताओं ने खड़े किए सवाल

रमण शुक्ला, पटना। Bihar Caste Bases Census जाति आधारित गणना हो जाने के बाद अब विभिन्न जातियों के कथित क्षत्रप अपनी बिरादरी की संख्या को कम बताए जाने का आरोप लगाने लगे हैं। गोलबंदी भी होने लगी है। चंद्रवंशी समाज के लोग सोमवार को धरना देने वाले हैं। नेतृत्व भाजपा एमएलसी डॉ. प्रमोद चंद्रवंशी कर रहे हैं। उधर, जदयू के सीतामढ़ी से सांसद सुनील कुमार पिंटू तेली समाज की सही गिनती नहीं होने का हवाला देते हुए अपनी ही पार्टी व सरकार के विरुद्ध मुखर हो गए हैं। पटना में रविवार को उन्होंने तेली समाज की बैठक बुलाई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कायस्थ समाज की आबादी के साथ हेराफेरी को लेकर कानूनी लड़ाई की चेतावनी दे चुके हैं।

यादव समाज की जनसंख्या अधिक दिखाने का आरोप लगाते हुए उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha)  और जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) प्रश्न खड़ा कर रहे हैं, तो मुकेश सहनी मछली के टुकड़ों की तरह मल्लाह समाज को नौ खानों में बांट देने का आरोप लगा रहे हैं। वीआईपी प्रमुख का दावा है कि कोई कितना भी बांटने का प्रयास करे मल्लाह/निषाद समाज एकजुट है और रहेगा।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अभी तो यह शुरुआत है। आने वाले दिनों में डेढ़ दर्जन जातियां सड़क से सदन तक अपनी आवाज बुलंद करने वाली हैं। सभी के पास प्रामाणिक और तार्किक आधार हैं। ऐसे में यह गुत्थी और उलझेगी। उल्लेखनीय है कि गणना में जातियों की कुल संख्या 215 है।

चंद्रवंशी तर्क के आधार पर मांग रहे उत्तर

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. भीम सिंह चंद्रवंशी दस वर्ष में अपनी जाति की संख्या दस लाख से अधिक घटने का लेकर प्रश्न खड़ा कर रहे। सामान्य प्रशासन विभाग के दो आंकड़ों के माध्यम से वे राज्य सरकार को घेर रहे हैं। उनका कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने एनएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान से वर्ष 2013 में चंद्रवंशी जाति की नृजातीय (इथनोग्राफी) अध्ययन कराया था। उस समय की रिपोर्ट में चंद्रवंशी कहार-कमकर की जनसंख्या 30,32,800 घोषित किया गया था। अब जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में चंद्रवंशी की जनसंख्या 21,55,644 कर दी गई है। ऐसे में किस रिपोर्ट को सही मना जाए।

जदयू सांसद ने अपनी सरकार को घेरा

बिहार में तेली समाज को एकजुट करने का दावा करने वाले जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू का कहना है कि मेरे सहित समाज के सैड़कों लोगों को लगता है कि गणना की रिपोर्ट सही नहीं है। मैं यही बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर बताना चाहता हूं। तेली समाज के आंकड़े में बड़ी गड़बड़ी हुई है। तेली-साहू समाज का मैं संयोजक हूं। अलग-अलग जिलों से शिकायत मिल रही है। तमाम त्रुटियां गिनाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री से मिलकर गड़बड़ी की जांच की मांग की जाएगी।

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