Bihar caste Census Report: जातिगत रिपोर्ट से एक और सच आया सामने, इस पर खुद ही घिरेगी नीतीश सरकार
Bihar caste census report बिहार सरकार की ओर से सोमवार को जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है। इस गणना के साथ राज्य की जनसंख्या का भी आकलन हो गया। इसमें सर्वाधिक 36.01 प्रतिशत जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। इस रिपोर्ट में ऐसा चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है जिस पर खुद नीतीश-तेजस्वी सरकार घिर सकती है।
By Edited By: Deepti MishraUpdated: Mon, 02 Oct 2023 07:46 PM (IST)
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar caste Census Report: कोर्ट-कचहरी के चक्करों से निकलकर बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक हो गई। इस गणना के साथ राज्य की जनसंख्या का भी आकलन हो गया। इसमें सर्वाधिक 36.01 प्रतिशत जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। 27.12 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ पिछड़ा वर्ग दूसरे पायदान पर है।
कुल 13 करोड़, सात लाख 25 हजार तीन सौ 10 की जनसंख्या में इन दोनों वर्गों की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत से भी अधिक हो चुकी है। यह संख्या भविष्य की राजनीति के स्वरूप का स्वत: संकेत कर देती है। विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं इसका आभास भी कराने लगी हैं।
यह गणना बता रही कि राज्य में जातियों-उप जातियों की संख्या 215 है। इनमें मंगलामुखी भी समाहित हैं। इससे पहले, जातियों की गणना के प्रमाणित आंकड़े 1931 के हैं। 1971 में अनुसूचित जाति व जनजाति की जनसंख्या की गणना हुई थी, तब और अब के आंकड़ों में कुछ अंतर आया है।
हिंदू सवर्ण अपेक्षाकृत कम हुए हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग के साथ अनुसूचित जाति के कुछ समूहों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल जनसंख्या में अभी 15.52 प्रतिशत सवर्ण हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमश. 19.65 और 01.68 प्रतिशत है।
- 13,07,25,310 है राज्य की जनसंख्या, इसमें 6,41,31,992 पुरुष।
- 2,83,44,107 परिवारों में हैं 215 जातियों-उप जातियों के लोग।
भविष्य का लक्ष्य तय करेंगे आंकड़े
सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर इस आंकड़ों को जारी करते हुए विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने इसके आर्थिक-सामाजिक विश्लेषण से इनकार नहीं किया।उनकी मानें तो ये वास्तविकता के अत्यंत निकट के आंकड़े हैं। योजनाओं के निर्धारण व सभी वर्गों के संतुलित विकास के लिए ये उपयोगी अवयय होंगे। इसके आधार पर भविष्य का लक्ष्य तय किया जा सकेगा और हाशिये की जनसंख्या का उत्थान हो सकेगा। आमिर सुबहानी के अस्वस्थ होने के कारण विवेक कुमार सिंह अभी मुख्य सचिव के प्रभार में हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लगभग 54 लाख लोग अभी राज्य से बाहर
ये आंकड़े कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार एक सौ सात परिवारों से जुटाए गए हैं। इन परिवारों में पुरुषों की संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार नौ सौ 92 है। महिलाएं उनसे लगभग 30 लाख कम हैं। उनकी संख्या छह करोड़ 11 लाख 38 हजार चार सौ 60 है। इससे स्पष्ट है कि राज्य में प्रति एक हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या 953 है। अभी 53 लाख 72 हजार 22 व्यक्ति अस्थायी तौर पर बिहार से बाहर रह रहे। इसी के साथ सरकार ने स्पष्ट किया कुल 13 पहलुओं पर एकत्र किए गए आंकड़े गोपनीय हैं। व्यक्तिगत सूचनाएं न तो साझा की जाएंगी और न ही सार्वजनिक रूप से प्रकाशित। सरकार के स्तर पर इन आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।यह भी पढ़ें - जाति के आधार पर बिहार में कौन 'बाहुबली', कुल 215 जातियां-6 धर्म; 2000 से ज्यादा लोग किसी मजहब को नहीं मानतेप्रतिशत अल्पसंख्यकों में 17.70% अकेले मुसलमान
जातीय गणना में यद्यपि धर्म और पंथ इस गणना के लक्ष्य में नहीं थे, लेकिन उसके बिना जातियों-उप जातियों की वास्तविक संख्या निर्धारित भी नहीं हो सकती थी। यह तर्क देते हुए सरकार बता रही कि सवर्ण और पिछड़ा-अत्यंत पिछड़ा वर्ग आदिक में हिंदुओं के साथ मुसलमानों की संबंधित जातियों की जनसंख्या भी समाहित है। यह भी पढ़ें - Bihar caste report: बिहार में 190 ऐसी जातियां, जिनकी आबादी एक प्रतिशत भी नहीं; रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़ेबहुसंख्यक हिंदुओं की संख्या लगभग 82 प्रतिशत है। अल्पसंख्यकों में सर्वाधिक 17.70 प्रतिशत मुसलमान हैं।पंथ : जनसंख्या : प्रतिशत
- हिंदू : 10,71,92,958 (81.99%)
- मुसलमान : 2,31,49,925 : (17.70%)
- ईसाई : 75,238 : (0.057%)
- सिख : 14,753 : (0.011%)
- बौद्ध : 1,11,201 : (0.085%)
- जैन : 12,523 : (0.009%)
- अन्य धर्म : 1,66,566 : (0.127%)
- कोई धर्म नहीं : 2,146 : (0.001%)