Bihar Caste Survey Report: बिहार में 21 वर्षों में हिंदुओं की भागीदारी जितनी घटी, मुस्लिमों की उतनी ही बढ़ी
बिहार की कुल आबादी में हिंदुओं की भागीदारी 2001 की जनगणना के अनुसार 83.2 प्रतिशत थी वहीं सोमवार को जारी जाति आधारित गणना- 2022 के आंकड़ों में यह 1.2 प्रतिशत घटकर 81.99 प्रतिशत रह गई है। वहीं मुस्लिम आबादी 2001 में 16.5 प्रतिशत थी जो अब 1.2 प्रतिशत बढ़कर 17.70 प्रतिशत हो गई है। वहीं बौद्ध धर्मावलंबियों की संख्या अप्रत्याशित तौर पर लगभग पांच गुना बढ़ गई है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 03 Oct 2023 01:14 AM (IST)
जयशंकर बिहारी, पटना: बिहार की कुल आबादी में हिंदुओं की भागीदारी 2001 की जनगणना के अनुसार 83.2 प्रतिशत थी, वहीं सोमवार को जारी जाति आधारित गणना- 2022 के आंकड़ों में यह 1.2 प्रतिशत घटकर 81.99 प्रतिशत रह गई है। वहीं, मुस्लिम आबादी 2001 में 16.5 प्रतिशत थी, जो अब 1.2 प्रतिशत बढ़कर 17.70 प्रतिशत हो गई है।
वर्तमान आंकड़े और 2001 की तुलना करें तो कुल प्रतिशत में मुस्लिम व बौद्ध छोड़कर सभी धर्मालंबियों की भागीदारी घटी है। हालांकि, बौद्ध धर्मावलंबियों की संख्या अप्रत्याशित तौर पर लगभग पांच गुना बढ़ गई है।
राज्य में 2001 में छह करोड़ 90 लाख 76 हजार 919 हिंदू थे, अब इनकी संख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है। इस तरह 21 वर्षों में हिंदू धर्मावलंबियों की संख्या 55.17 प्रतिशत बढ़ी है।
वहीं, इन्हीं वर्षों में मुस्लिम आबादी 68.70 प्रतिशत बढ़ी है। 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य में मुस्लिम धर्मावलंबियों की संख्या एक करोड़ 37 लाख 22 हजार 48 थी। जाति आधारित गणना-2022 में इनकी संख्या दो करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 बताई गई है।
जाति गणना से स्पष्ट हुई बिहार की सांख्यिकी
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही का कहना है कि 2000 में झारखंड के अलग होने के बाद 2001 की जनगणना बिहार के लिए खास थी।1906 में बंगाल से बिहार अलग हुआ। वहीं, 1936 में बिहार से उड़ीसा को अलग किया गया। वर्तमान बिहार की सांख्यिकी की स्पष्ट तुलना 2001 से ही हो सकती है।
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