जातीय गणना की वेबसाइट नहीं खुल रही, क्रैश होने की आशंका; रिपोर्ट जारी होने के अगले ही दिन आई दिक्कत
बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सोमवार को गांधी जयंती के मौके पर रिलीज की गई है। फिलहाल जातीय गणना की वेबसाइट नहीं खुल रही है। माना जा रहा है कि साइट क्रैश या हैक होने की संभावना है। रिपोर्ट जारी होने के अगले ही दिन ऐसी समस्या देखने को मिल रही है। हालांकि इस दिक्कत का समाधान कब तक होगा इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
डिजिटल डेस्क, पटना। जातीय जनगणना (Bihar Caste Based Census) की वेबसाइट से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, कास्ट सेंसस रिपोर्ट की वेबसाइट फिलहाल खुल नहीं रही है। ऐसे में क्रैश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बता दें कि रिपोर्ट जारी होने के अगले ही दिन साइट में दिक्कत आ गई है।
जातीय जनगणना की रिपोर्ट cbs.gov.in पर जारी की गई है। गौरतलब है कि गांधी जयंती के दिन बिहार में सोमवार को जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी की गई थी। इससे यह साफ हो गया कि बिहार म किस जाति और धर्म के कितने लोग रहते हैं।
नीतीश कुमार ने बुलाई है सर्वदलीय बैठक
वहीं, जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस मुद्दे को लेकर आज यानी कि मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
हालांकि, इससे पहले ही वेबसाइट का सर्वर क्रैश या हैक हो गया है। बता दें कि रिपोर्ट जारी होने के बाद सीएम नीतीश समेत लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने इसपर अपनी प्रक्रिया दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सीएम नीतीश ने जाति आधारित गणना के काम में लगी हुई पूरी टीम को बधाई दी।
तेजस्वी की वजह से एक दिन पहले जारी करनी पड़ी रिपोर्ट
बता दें कि सीएम नीतीश ने सोमवार की शाम में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि पहले जातीय गणना की रिपोर्ट मंगलवार को जारी होने वाली थी लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को उस दिन किसी काम से बाहर जाना था, इसलिए सोमवार को ही रिपोर्ट जारी कर दी गई।
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वहीं, रिपोर्ट जारी होने के बाद राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) ने भी प्रक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए बधाई देते हुए कहा कि सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो।