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Bihar: CM नीतीश ने कहा, बापू को ध्यान में रखकर कर रहे बिहार का विकास; गांधी को बिहार ने दी लाठी

गांधी संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में सीएम नीतीश ने कहा कि गांधी संग्रहालय की बेहतरी के लिए जो हमसे हो सकेगा वह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बापू के भजनों की प्रस्तुति देने वाले इप्टा के कलाकारों की सराहना की। इस क्रम में श्रीकांत की पुस्तक बिहार में महात्मा गांधी और राम रक्षा दास की दलित की आत्मकथा का विमोचन किया गया।

By Akshay PandeyEdited By: Shubham SharmaUpdated: Tue, 03 Oct 2023 04:00 AM (IST)
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बापू की जयंती पर गांधी संग्रहालय में सीएम नीतीश ने संबोधित किया कार्यक्रम। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बापू की कही हर बात हमें याद रखनी होगी। हम तो राज्य का विकास महात्मा गांधी को ध्यान में रखकर कर रहे हैं। नीतीश सोमवार को बापू की जयंती पर गांधी संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर बापू को याद करते हैं। पूछा कि बापू सभागार जैसा आयोजन स्थल देश में कहीं है?

पुस्तक का किया विमोचन

रजी अहमद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सीएम ने कहा कि गांधी संग्रहालय की बेहतरी के लिए जो हमसे हो सकेगा, वह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बापू के भजनों की प्रस्तुति देने वाले इप्टा के कलाकारों की सराहना की। इस क्रम में श्रीकांत की पुस्तक 'बिहार में महात्मा गांधी' और राम रक्षा दास की 'दलित की आत्मकथा' का विमोचन किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, विधान परिषद के उपसभापति रामचंद्र पूर्वे, एमएलसी रामवचन राय, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, गांधी संग्रहालय के संरक्षक रजी अहमद, मुसाफिर बैठा, पुष्पेंद्र और जदयू नेता छोटू सिंह उपस्थित रहे।

गांधी किसानों के दर्द से जुड़े

रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि बापू कहते थे कि जितना बड़ा पापी हो, वो सुधरना चाहे तो उतना बड़ा संत बन सकता है। गांधी का यह प्रभाव था कि जब उनकी हत्या हुई तो किसी के घर में चूल्हे नहीं जले। राम वचन राय ने कहा कि गांधी को लाठी बिहार ने ही दी। वैष्णव जन को तेने कहिए गीत बापू को बहुत पसंद था। वह चंपारण आए तो किसानों के दर्द से जुड़े।

बिहार विद्यापीठ को वह राष्ट्रीय स्तर का विद्यालय बनाना चाहते थे। रजी अहमद ने कहा कि जो कौम इतिहास को याद नहीं रखती, वह आगे नहीं बढ़ सकती। प्रतिस्पर्धा के दौर में इसकी कमी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को परंपराओं की जानकारी देनी होगी।

गांधी की तरफ जाता है भविष्य

शिवानंद तिवारी ने कहा कि चंपारण में किसानों की हालत देखकर बापू के मन में अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने की बात आई। बेतिया भ्रमण के दौरान वहां के लोगों की हालत देख काजू-किशमिश खाने वाले गांधी उबली हुई सब्जी खाने लगे। शिवानंद ने कहा कि भविष्य गांधी की तरफ जाता है। समय बापू और आंबेडकर की विचारधारा से हाथ मिलाकर चलने वाला है। न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि आत्मकथा लिखना आसान नहीं है। अपने लिए तो सब जीते हैं, जो दूसरे के लिए जिए, उसे याद किया जाता है।

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