Opposition MP Suspension : विपक्षी सांसदों के निलंबन से बिहार के नेता नाखुश, ललन सिंह ने दाग दिए तीखे सवाल
Opposition MP Suspension देश की संसद से विपक्षी दलों के सांसदों के निलंबन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसकी आंच बिहार में भी महसूस हो रही है। इसे लेकर जदयू ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। वहीं भाकपा ने भी निशाना साधा है। दरअसल विपक्षी दल संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गृह मंत्री से बयान देने की मांग कर रहे हैं।
जागरण टीम, पटना। देश की संसद से 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन ने बिहार में भी सियासत तेज कर दी है। इसे लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। एक ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सवाल दागे हैं। वहीं, भाकपा ने भी हमला बोला है।
विपक्षी सांसदों पर की गई कार्रवाई निंदनीय : भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने संसद के शीत सत्र के दौरान लोकसभा से विपक्ष के 92 सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई की निंदा की है। भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी सांसदों पर हमला लोकतंत्र पर हमला है।
संसद की सुरक्षा उल्लंघन का मामला उठाने पर सांसदों का सामूहिक निलंबन हमारे देश में लोकतंत्र के अस्तित्व पर सवालिया निशान है। भाजपा को संसद की सुरक्षा में अपनी विफलता स्वीकार करनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार में लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। संसद की सुरक्षा में चूक पर जवाब देने के बजाए विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की जा रही है। भाजपा सरकार देश को तानाशाही रास्ते पर ले जा रही है।
भाजपा को लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं है। भाकपा ने लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से सभी सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की है।
ललन सिंह ने दागे सवाल
इधर, सोशल मीडिया पर राजद ने ललन सिंह का एक वीडियो साझा किया है। इसमें ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष के जो सदस्य हैं, वो सिर्फ एक ही मांग कर रहे हैं। इस देश के गृह मंत्री, जो इस सदन के सदस्य भी हैं। वो आकर, संसद की सुरक्षा में जो चूक हुई है, उस पर सरकार का पक्ष रखें।
संसद के प्रति सरकार उत्तरदायी होती है तो गृह मंत्री नहीं आएंगे सदन में? लोकतंत्र है, ये उनकी लोकतंत्र की परिभाषा है। विपक्ष जब मांग करेगा उनके आने की तो निलंबित करेंगे। ये वही हो रहा है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है। ये लोकतंत्र का मंदिर है। जो संसद है वो लोकतंत्र का मंदिर है।
सरकार कह रही है विपक्ष माहौल बिगाड़ रहा है, काम करने नहीं दे रहा है। इस सवाल पर ललन सिंह ने पूछा कि कौन सा काम? आप काम करिए, कहां कौन मना कर रहा है?
उन्होंने कहा कि ये पूरा सत्र जिस दिन से चला जब तक संसद में जो हमला नहीं हुआ या दो लोग नहीं घुसे तब तक तो संसद चल रही थी।
सभी सांसद और सदस्य सहयोग कर रहे थे। लेकिन ये घटना हुई तो इस पर आकर देश के गृहमंत्री को बताना चाहिए कि नहीं बताना चाहिए?
आखिर लोकतंत्र है। इस देश में आईबी है। इस देश में रॉ है। कितने दिनों से चल रहा था? इसकी योजना बन रही थी, इसमें तैयारी हो रही थी।
ये षड्यंत्र और ये योजना, इसके बारे में कौन बताएगा? उन्होंने सवाल किया कि कौन सांसद है, जिसकी अनुशंसा पर ये दोनों आए थे।
ये भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। ये तो अपने कर्मों पर, अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए विपक्षी सांसदों का निलंबन करके लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।
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