देहरादून में 14 करोड़ की डकैती का मास्टरमाइंड बेउर से गिरफ्तार हुआ है। वह लूट सहित अन्य मामलों में पहले से बेउर जेल में बंद था। जेल से जमानत पर जैस ही बाहर आया देहरादून और बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने उसे बेउर के महावीर कॉलोनी से दबोच लिया। देहरादून पुलिस की मानें तो वह जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहा था।
जागरण टीम, देहरादून/पटना। देहरादून में रिलायंस ज्वेल्स (रिलायंस शोरूम) में हुई 14 करोड़ की डकैती में शामिल दसवें अपराधी शशांक सिंह उर्फ सोनू को बेउर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। वह लूट सहित अन्य मामलों में पहले से बेउर जेल में बंद था।
जेल से जमानत पर जैस ही बाहर आया देहरादून और बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने उसे बेउर के महावीर कालोनी से दबोच लिया। शशांक ही 14 करोड़ की डकैती का मास्टरमाइंड है। देहरादून पुलिस की मानें तो वह जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहा था।
रिलायंस ज्वेल्स में डकैती के दौरान उसी ने बदमाशों के लिए वाहन और हथियार उपलब्ध कराया था। वह मूल रूप से सहरसा के सिमरी बख्तियापुर स्थित सोनपुर का निवासी है।
सोना लूटकांड में पहले से जेल में बंद सुबोध के साथ भी वह कई घटना को अंजाम दे चुका है। दून पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लौट गई।
डकैती कांड में गिरफ्तार किए जा चुके नौ अपराधी
पिछले साल नौ नवंबर को दून में हथियारबंद बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में डकैती डाली थी। वहां के एसएसपी अजय सिंह ने बदमाशों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाईं और खुद भी अन्य राज्यों में दबिश को गए।
इसके बाद गिरोह के नौ अपराधियों को वैशाली के बिदुपुर निवासी प्रिंस कुमार, विक्रम कुमार कुशवाहा और विशाल कुमार, सीतामढ़ी के बाजपटही निवासी अखिलेश कुमार उर्फ अभिषेक, मुजफ्फरपुर निवासी कुदंन कुमार और आशीष कुमार की गिरफ्तारी हुई थी।
वहीं, पटना के फुलवारीशरीफ निवासी मोहम्मद आदिल खान, उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अकबर, वैशाली के सराय निवासी अमृत कुमार, मुजफ्फरपुर निवासी चंदन कुमार उर्फ सुजीत को भी गिरफ्तार किया गया था।
पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि डकैती की योजना शशांक सिंह ने कई राज्यों में करोड़ों की डकैती डालने वाले सुबोध के साथ मिलकर बनाई थी। शशांक बेऊर जेल में बंद था।
दून पुलिस की एक टीम उसकी हर गतिविधि पर नजर रख रही थी। बताया जा रहा है कि आरोपित दो दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया था और भागने की फिराक में था।
शशांक की जेल से इंटरनेट के माध्यम से होती थी बात
शशांक की जेल से इंटरनेट के माध्यम से बदमाशों से बात होती थी और उसने अलग-अलग बदमाशों को डकैती डालने के लिए योजनाबद्ध तरीके से टास्क दिए थे। पुलिस के अनुसार, शशांक लंबे समय से जेल में बंद था, लेकिन उसका नेटवर्क काफी मजबूत था।
आरोपित जेल में फोन से ही अपने गुर्गों से संपर्क करता था और डकैती के लिए उन्हें हथियार समेत अन्य जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करवाता था। देहरादून के रिलायंस शोरूम में डकैती के दौरान बदमाशों ने जो हथियार दिखाए, वह भी शशांक ने ही उपलब्ध कराए थे।
सुबोध के साथ डाल चुका है करोड़ों की डकैती
पूछताछ में शशांक ने पुलिस को बताया कि उसने सोना लूट और डकैती कांड के आरोपित सुबोध सिंह के साथ मिलकर वर्ष 2016 में बैरकपुर (बंगाल) स्थित मणिपुरम गोल्ड शाप से करीब 28 किलो सोना लूटा।
वर्ष 2017 में आसनसोल (बंगाल) स्थित मुथूट फाइनेंस की ब्रांच में करीब 55 किलो सोने की डकैती डाली थी। इन दोनों घटनाओं के बाद शशांक जेल से अपना गैंग चला रहा था।
पकड़े जाते अपराधी, हाथ नहीं लगता सोना
डकैती में अब तक 10 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन 14 करोड़ के गहने पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि शशांक की गिरफ्तारी के बाद वह गहने भी बरामद कर लेगी। फरार चल रहे आरोपित अविनाश व राहुल के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिलने की उम्मीद है।
इसके पूर्व भी राजस्थान के उदयपुर और मध्य प्रदेश के कटनी में मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी से 40 किलोग्राम सोना लूट का कनेक्शन बिहार से जुड़ा था। इन मामलों में भी पुलिस सोना बरामद नहीं कर सकी।
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