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Bihar Crime: ठगों का नया धंधा, फर्जी नौकरी के नाम पर लिए 80,000, युवा हुए शिकार

मब्बी ओपी क्षेत्र के गेहूंमी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के शिकार होने के साथ बंधक बनाए गए तीन दर्जन नेपाली युवकों को शनिवार को पुलिस ने मुक्त कराया। पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया। इनमें तीन नेपाल के अलावा भोपाल और पंजाब के एक-एक आरोपित शामिल हैं। सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि युवक नेपाल से थे और नौकरी की तलाश कर रहे थे।

By Mukesh Srivastava Edited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 27 Aug 2023 04:17 AM (IST)
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दरभंगा में नौकरी के नाम पर बंधक तीन दर्जन नेपाली युवक मुक्त, पांच गिरफ्तार
दरभंगा,जागरण संवाददाता। मब्बी ओपी क्षेत्र के गेहूंमी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के शिकार होने के साथ बंधक बनाए गए तीन दर्जन नेपाली युवकों को शनिवार को पुलिस ने मुक्त कराया। पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया। इनमें तीन नेपाल के अलावा भोपाल और पंजाब के एक-एक आरोपित शामिल हैं।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि नेपाल के धनुषा जिले के औरही थाना क्षेत्र के हसपुर निवासी रूपेश कुमार के आवेदन पर यह कार्रवाई की गई। छापेमारी में नेपाल के सिरहा जिले के करजनहा निवासी मुकेश पासवान, मिरचैया थाना क्षेत्र के पिपरा निवासी अनिल कुमार शर्मा और मिरचैया निवासी रमण कुमार साह के अलावा भोपाल के नीलबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ निवासी दीपक सिंह व पंजाब के गुरुदासपुर जिले के धारीवाल थाना क्षेत्र निवासी राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया।
बंधक बनाए गए युवकों से नौकरी के नाम पर शैक्षणिक प्रमाणपत्र सहित 80-80 हजार रुपये लेने की बात सामने आई है। छापेमारी में 59 हजार छह सौ रुपये, नौ महंगे मोबाइल, दो लैपटाप, 15 स्मार्ट टीवी, तीन बाइक, स्वैप मशीन और पाश मशीन सहित कई कागजात जब्त किए गए। आरोपित पांच से छह पन्नों वाले एग्रीमेंट पेपर पर हस्ताक्षर कराकर शैक्षणिक प्रमाणपत्र अपने पास रख लेते थे।

भोपाल में प्रधान कार्यालय, जाएगी पुलिस टीम

इस गिरोह ने नौकरी देने के लिए इंटरप्रेन्योर फैशन इंडिया मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी भी बनाई है। प्रशिक्षण के नाम पर सभी को किराए के एक मकान में रखते थे। वहां से किसी को न तो बाहर निकलने दिया जाता था और ना ही किसी से बात की इजाजत देते थे। ट्रेनिंग के नाम पर और रुपये की मांग करते थे। विरोध करने पर मारपीट करते थे।
एसडीपीओ ने कहा कि किसी भी फार्म को कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है। फार्म पर जो दिनांक अंकित पाया गया, वह एक वर्ष पुराना है। इससे प्रतीत होता है कि सभी की मंशा सिर्फ ठगी करने की थी। फार्म पर जिस कंपनी इंटरप्रेन्योर फैशन इंडिया मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड का उल्लेख है, उसका प्रधान कार्यालय भोपाल बताया गया है। ऐसी स्थिति में एक टीम भोपाल जाएगी। जबकि, पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए दूसरी टीम नेपाल जाएगी।
पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि कुछ युवकों इसी शहर में दूसरी जगह पर रखा गया है। जिन्हें रेस्क्यू कराने के लिए टीम को लगाया गया है। एसडीपीओ ने बताया कि अभ्यर्थियों को गिफ्ट में स्मार्ट टीवी सहित कई उपहार देने का लालच दिया जाता था।