बिहार में बच्चों के अपहरण और गुमशुदगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते जनवरी से अगस्त महीने तक की बात करें तो इस बीच 5958 बच्चे गायब हुए हैं इनमें 5117 लड़कियां जबकि 841 लड़के हैं। गायब बच्चों में 85 प्रतिशत लड़कियां हैं। इनमें से 383 लड़कों और 2416 लड़कियों को बरामद किया है जबकि 3145 बच्चे अब भी लापता हैं।
By Edited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 03 Nov 2023 09:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार (Bihar Crime) में इस साल जनवरी से अगस्त माह के बीच 5958 बच्चे गायब हुए हैं, इनमें 5117 लड़कियां जबकि 841 लड़के हैं। गायब बच्चों में 85 प्रतिशत लड़कियां हैं।
पुलिस ने इनमें से 383 लड़कों और 2416 लड़कियों को बरामद किया है। राज्य से गायब या किडनैप हुए 3145 बच्चे अब भी लापता हैं। पुलिस मुख्यालय (Bihar Police) के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एडीजी ने बताया कि बिहार पुलिस (Bihar Police) बच्चों के गायब या किडनैप ( Kidnapping in Bihar) होने की गंभीरता से जांच कर रही है। बच्चों को बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से भी बरामद किया गया है।
गुमशुदगी के कारणों की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस गुमशुदगी के कारणों की पड़ताल भी कर रही है। गुम या किडनैप बच्चे बिहार से किस राज्य में गए या ले जाए गए, इसके पीछे उद्देश्य क्या था, इन बिंदुओं पर विश्लेषण किया जा रहा है।
हर माह की 15 और 16 तारीख को थाना स्तर पर किडनैप एवं गुमशुदा बच्चों के घर जाकर उनके संबंध में अभिभावकों से संपर्क कर भौतिक सत्यापन का विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया है।
ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड होता है डाटा
एडीजी मुख्यालय (ADG Headquarters) ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर चाइल्ड इंडिया फॉउंडेशन (CIF) और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women and Child Development) द्वारा चाइल्डलाइन सेवा का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आपातकालीन सेवा 1098 संचालित है।
इनके द्वारा ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड डॉट जीओवी डॉट इन (trackthemissingchild.gov.in) वेब पोर्टल पर लगातार गुमशुदा, किडनैप, बरामद बच्चों से संबंधित डाटा अपलोड किया जाता है। बिहार पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग के द्वारा राज्य से जुड़े मामलों की मानीटरिंग की जाती है।
हर जिले में समाहर्ता की अध्यक्षता में बोर्ड गठित
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, हर जिले में चाइल्डलाइन सेवा (Bihar Childline Service) के संचालन के लिए जिला समाहर्ता की अध्यक्षता में चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड (Childline Advisory Board) गठित है। संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक इसके सदस्य हैं।
प्रत्येक थानाध्यक्ष अपने थाना क्षेत्र के पदेन किशोर कल्याण पदाधिकारी होते हैं। थानाध्यक्ष के न रहने पर प्रभार में रहने वाले पदाधिकारी किशोर कल्याण पदाधिकारी के रूप में कर्तव्य का निर्वहन करेंगे।
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