इस मामले में पुलिस ने देर रात उनके सौतेले पोते को गिरफ्तार कर लिया। उसके दो अन्य साथियों की खोज जारी है। तीनों हत्यारोपित नाबालिग बताए जाते हैं। हत्या करने के पीछे की मंशा अब तक नाबालिग बता नहीं पाया है। पुलिस ने उसे थाने में रखा है। उसके माता-पिता और बहनों से पूछताछ की जा रही है।
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि ललिता देवी के सौतेले पोते की भूमिका सामने आने पर उसे पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसने हत्या का ठोस कारण नहीं बताया है।
नौकरानी ने लगाई थी आवाज
ललिता देवी ने घर का चौका-बर्तन के लिए बगल के मोहल्ले की बेबी देवी को काम पर रखा था। वह रोज की तरह साढ़े 10 बजे उनके घर पहुंची थी। उन्होंने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया। घंटी भी बजाई, मगर अंदर से कोई आहट नहीं आई। तब उन्होंने ललिता देवी के घर के सामने रहने वाले नीरज को आवाज लगाई।
वह पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ वहां पहुंचा था। लोग पीछे के रास्ते से घर में दाखिल हुए तो ललिता देवी का शव बिस्तर पर चित पड़ा था। कमरे को देखकर लूटपाट की आशंका लगाई गई। हालांकि, उनका मोबाइल वहीं रखा मिला। इसके बाद लोगों ने पुलिस को खबर दी।
स्व. भगत की दूसरी पत्नी थीं ललिता देवी
दुजरा गांधी मूर्ति गली में ललिता देवी का दो मंजिला विशाल मकान है। निचले तल पर वह अकेली रहती थीं, जबकि दूसरी मंजिल पर ब्वायज हास्टल है। उसमें दस युवक रहते हैं। उनके पति व स्वतंत्रता सेनानी अयोध्या भगत की 1989 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। ललिता, स्व. भगत की दूसरी पत्नी थीं।
पहली पत्नी श्याम सुंदरी देवी की मौत के बाद उन्होंने पटना सिटी की रहने वाली ललिता देवी से दूसरी शादी की थी। इससे उन्हें एक बेटा भीम प्रसाद हैं। वे झारखंड सरकार में सेल्स टैक्स कमिश्नर पद से सेवानिवृत्त हैं।भीम की एक बेटी और बेटा हैं। वे परिवार के साथ रांची के अशोक नगर इलाके में रहते हैं। वहीं, स्व. भगत को पहली पत्नी से तीन बेटे (स्व. भरत प्रसाद, शत्रुघ्न प्रसाद और स्व. नकुल प्रसाद) हैं।
इन तीनों बच्चों के परिवार ललिता देवी के मकान के आसपास ही रहते हैं। मां की मौत की खबर सुनकर भीम प्रसाद हवाई जहाज से पटना पहुंचे थे।
सीसीटीवी फुटेज से हुई आरोपितों की पहचान
पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया तो मालूम हुआ कि मकान में लगे सीसी कैमरे के तार को काट दिया गया था। हालांकि, रात 12:34 बजे दो संदिग्ध युवक हाथ में बैग लेकर जाते दिखे थे। तस्वीर धुंधली होने के बावजूद पुलिस ने आरोपितों की पहचान कर ली।
इसके बाद उनके पोते को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया। ललिता देवी के घर के उत्तर सटी परती जमीन पर सौतेले बेटे शत्रुघ्न प्रसाद का मकान बन रहा है। आरोपित उस मकान से ललिता देवी के घर के छज्जे पर आए।
उन्होंने कैमरे का तार काटा और पीछे के रास्ते से ग्रिल की कुंडी काट कर मकान में दाखिल हुए थे। सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार नाबालिग ने बताया कि जब वह दोस्तों के साथ ललिता देवी के कमरे में गया तो वह सो रही थीं। वह डर गया कि कहीं अलमारी की लाक तोड़ने पर जाग नहीं जाएं।
इस कारण उसने तकिया और तौलिया से मुंह ढक कर ललिता देवी को मार डाला। उनका एक साथी गला दबा रहा था। ललिता देवी की मौत को लेकर आश्वस्त होने के बाद उन्होंने फ्रिज के पास रखे हथौड़ी जैसे औजार से अलमारी का हैंडिल तोड़ा और गहने व नकदी निकाल ली। टूटा हुआ हैंडिल भी साथ लेकर चला गया।
ड्यूक ने भी दिलाई सफलता
वारदात के बाद पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान की दृष्टि से श्वान दस्ता और एफएसएल की टीम बुलाई थी। एफएसएल ने साक्ष्य एकत्र किए, जबकि श्वान ड्यूक ने ललिता देवी के शव को सुंघा और तेजी में बाहर की तरफ आया। उनकी पोती सानिया की स्कूटी को सूंघते हुए दस मीटर के दायरे में ही घूमता रहा।
वहीं, ललिता देवी के शरीर पर चोट-खरोंच के ताजा जख्म नहीं मिले, जिससे अनुमान लगाया जा सके कि हाथापाई अथवा विरोध करने पर उनकी हत्या की गई। उनका शव चित बिस्तर पर पड़ा था।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम पड़ेगा कि लुटेरों ने गला दबा कर हत्या की या चेहरे पर तकिया रखकर मार डाला? उनके घर से कितनी रकम और कितने मूल्य के जेवर लूट गए, इस बारे में भी ललिता देवी के अलावा कोई और जानकारी देने का दावा नहीं कर सकता।
इसका कारण है कि वह संपत्ति, आमदनी और जेवरात के बारे में किसी से कोई बात नहीं करती थीं। ऐसे में पुलिस पारिवारिक कलह और संपत्ति विवाद की बिंदुओं पर भी छानबीन कर रही है।
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