Bihar Dengue Cases: बिहार में डेंगू से हालात बेकाबू, पटना में मिले रिकार्ड नए केस; इन चीजों का रखें ध्यान
Bihar Dengue Cases बिहार में महामारी का रूप ले रहा है डेंगू। पटना में डेंगू के रिकार्ड मरीज मिले। संक्रमण से बचने के लिए सर्तकता जरूरी। इससे पहले 13 अक्टूबर को मिले थे 427 मामला। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में डेंगू का कुल आंकड़ा पहुंचा 2934
By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Sun, 16 Oct 2022 02:08 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Dengue Cases: बिहार में डेंगू के मामले काबू होने का नाम नहीं ले रहे हैं। खासकर पटना में हालात बेहद बुरे होते जा रहे हैं। शहर की कोई गली ऐसी नहीं बची है, जहां डेंगू के मरीज नहीं हैं। पटना में शनिवार को इस सीजन में एक दिन के अंदर सर्वाधिक नए डेंगू मरीज पाए गए।
पटना में डेंगू के मामले बना रहे रिकार्ड
पटना में डेंगू के मामले हर दिन नया रिकार्ड बना रहे है। शनिवार को 484 नए मामले सामने आएं। इससे पहले 13 अक्टूबर को 427 मामले मिले थे। अब सरकारी आंकड़ों में कुल केस 2934 तक पहुंच गई है। इसमें निजी अस्पतालों के आंकड़े शामिल नहीं है।
अस्पतालों और लैब में मरीजों की भीड़
अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे डेंगू केसों से अस्पताल व लैब भी अब हांफने लगा है। अब आइजीआइएमएस, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, पीएमसीएच में मरीजों को रिपोर्ट के लिए 24 घंटा से 48 घंटा तक इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को आइजीआइएमएस में 52, पीएमसीएच में 108, एनएमसीएच में 88 नए मामले मिले।अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड
अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। सभी वार्डों में मच्छरदानी की व्यवस्था की गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसीन विभागाध्यक्ष डा. रवि कीर्ति एवं आइजीआइएमएस के डा. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि डेंगू भयावह स्थिति में है। ऐसे में लोगों में सर्तकता जरूरी है। दिन में भी घरों में मच्छरों से बचाव के उपाय करना जरूरी है।
बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां
बच्चों को पूरी बांह व पैर तक का कपड़ा पहनाएं। आसपास जल जमाव नहीं होने दें। यदि डेंगू हो जाएं तो डाक्टर के संपर्क में रहे। अपने आप कोई भी दवा नहीं लें। डाक्टर की सलाह से ही पारासिटामोल के अतिरिक्त दर्द निवारक दवाएं लें। डेंगू एक वायरस है। इस पर एंटीबायोटिक असरकारक नहीं है। इसकी कोई दवा नहीं है। यह निश्चित अवधि में ठीक होता है।पर्याप्त मात्रा में करें तरल पदार्थ का सेवन
ज्यादा परेशानी होने पर भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसमें पर्याप्त तरल का सेवन करें। पानी, दूध, सिकंजी, नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करते रहे। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. दीपाली प्रसाद ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
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