Move to Jagran APP

Lockdown Extension: अनिवार्य सेवा से जुड़े कर्मियों का परिचय पत्र ही उनका पास, मीडिया को भी मिली छूट

लॉकडाउन में कार्य कर रहे सरकारी बैंक मेडिकल और अति-आवश्यक सेवा में लगे कर्मियों को पास की आवश्यकता नहीं। परिचय पत्र ही होगा पास। मीडिया पर भी लागू। जानें किन्‍हें मिली है छूट।

By Rajesh ThakurEdited By: Updated: Tue, 14 Apr 2020 10:18 PM (IST)
Lockdown Extension: अनिवार्य सेवा से जुड़े कर्मियों का परिचय पत्र ही उनका पास, मीडिया को भी मिली छूट
पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मियों एवं अन्य संस्थानों के कर्मियों को लॉकडाउन के दौरान कार्यालय आने-जाने के लिए किसी तरह के पास की कोई आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित संस्थानों द्वारा जारी कर्मी का परिचय पत्र ही उनका पास माना जाएगा। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर गठित क्राइसिस मैनेजमेंट गु्रप की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि सरकारी वाहनों अथवा सरकारी कार्य हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले अन्य वाहनों के लिए पास की आवश्यकता नहीं होगी।

पटना उच्च न्यायालय, जिला व्यवहार न्यायालय, केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों, राज्य के विभिन्न बोर्ड निगमों, सोसायटी, आयोग के अधिकारी और कर्मी यदि कार्यालय आने जाने के लिए अपने निजी वाहन, दोपहिया, चार पहिया का उपयोग करते हैं तो उन्हें पास की जरूरत नहीं होगी। बशर्ते कि उनके पास अपने कार्यालय का परिचय पत्र हो। ऐसे वाहनों को परिचय पत्र के आधार पर जाने की अनुमति दी जाएगी।

इसी तरह आवश्यक सेवाएं जैसे  विद्युत आपूर्ति, टेलीकॉम, मोबाइल नेटवर्क, डेयरी उद्योग, बैंक एटीएम, नगर निकाय कर्मी, चिकित्सा सेवाएं पेट्रोल पंप, एलपीजी वितरण, रेलवे एयरपोर्ट, पोस्ट ऑफिस एवं अन्य आवश्यक सेवाओं के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के निजी वाहनों के लिए भी पास की आवश्यकता नहीं होगी। इन्हें पहचान पत्र के आधार पर जाने की अनुमति दी जाएगी। सरकारी व निजी अस्पताल, लैब, दावा दुकान, डॉक्टर एवं अन्य कर्मियों को भी परिचय पत्र पर जाने की अनुमति होगी। सभी मालवाहक वाहन, कृषि उत्पादों, पशु उत्पाद आदि की ढुलाई में जुटे वाहनों के लिए पास की जरूरत नहीं होगी। 

उधर, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि लॉकडाउन की अवधि में मीडियार्किमयों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे अपना प्रेस कार्ड दिखाकर अपने वाहन के साथ काम पर निकल सकेंगे। लॉकडाउन को ले पूर्व में जो गाइडलाइन आई थी, उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन में कोई व्‍यक्ति अपना लाइसेंसी हथियार लेकर चला तो उसका लाइसेंस कैंसिल हो जाएगा। 

मंगलवार को दिन में पटना सहित कई जिलों से यह खबर आयी कि लॉकडाउन में सड़़क पर वाहनों के परिचालन पर लगी रोक का अनुपालन करा रहे पुलिसकर्मी मीडिया के लोगों को भी रोक रहे हैं। कई जगह लोग मीडियार्किमयों से उलझ भी गए। मीडियार्किमयों द्वारा अपने संस्थान का प्रेस कार्ड दिखाने पर भी उन्हें रोकते हुए यह कहा जा रहा कि वे जिला प्रशासन से अपने लिए पास निर्गत कराएं। प्रेस कार्ड नहीं चलेगा।

दरअसल, उनके बीच यह संदेश चला गया है कि आज से जो तीन मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है, उसके लिए अलग व्यवस्था की गयी है। पुलिस के आला अधिकारियों ने सोमवार को वाहनों के परिचालन पर सख्ती का निर्देश दिया था। डीजीपी पांडेय ने कहा कि मीडियार्किमयों को नहीं रोकने के संबंध में उन्होंने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं। लॉकडाउन के तहत जो प्रावधान पूर्व में तय किए गए हैं, उसमें मीडिया को इससे अलग रखा गया है। हॉकर भी सुबह अखबार का वितरण कर सकेंगे। उन पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। 

दूसरी ओर, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने का स्वागत किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आगे 19 दिन तक लॉकडाउन का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराना पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में पुलिस को और सख्ती करनी होगी। माहौल बिगाडऩे वालों के घरवालों के शस्त्र लाइसेंस भी रद्द होंगे। सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे वाले किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे। अब तक 24 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी। जब भी उनके इलाके में माहौल बिगड़ेगा पुलिस उनको थाना ले आएगी। एफआइआर होगी। जेल भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में बाइक और निजी वाहन निकालने वालों की खैर नहीं है। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी।

ऐसे लोगों को घर में किसी के पास शस्त्र लाइसेंस है तो उसे रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने जाति और समुदाय विशेष के लोगों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों को भी कार्रवाई की चेतावनी दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेपाल सीमा पूरी तरह सुरक्षित है। डीजीपी ने कहा कि अब तो बॉर्डर एरिया के सात जिला के ग्रामीण ही बाहर से आए लोगों पर नजर रख रहे हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।