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Bihar: डॉक्टरों ने किया कमाल, बिना ऑपरेशन के कैदी के पेट से ऐसे निकाला मोबाइल

गोपालगंज जिला जेल में छापेमारी के दौरान एक युवक मोबाइल निगल गया। बगैर किसी ऑपरेशन के मरीज के पेट की थैली से मोबाइल निकाला गया। सफलतापूर्वक मोबाइल निकालने पर डा. बिंदे कुमार ने गैस्ट्रोलाजी विभाग और उनकी उनकी टीम को बधाई दी।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 24 Feb 2023 02:45 PM (IST)
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जेल में छापेमारी के दौरान एक युवक मोबाइल निगल गया।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के गोपालगंज जिले की जेल में छापेमारी के दौरान एक युवक मोबाइल निगल गया। इसके बाद जेल प्रशासन ने मरीज को पीएमसीएच रेफर कर दिया। जहां से पीएमसीएच ने आरंभिक जांच के बाद युवक को आइजीआइएमएस रेफर किया। इसके बाद गैस्ट्रोलाजी विभाग के डा. एके झा ने के टीम का गठन किया। डाक्टरों की टीम ने 40 मिनट के अथक प्रयास के बाद फोन निकाल लिया।

40 मिनट में निकाला पेट से मोबाइल

चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि गोपालगंज जेल से 27 वर्षीय कैसर अली नामक मरीज को मोबाइल निगलने के बाद पीएमसीएच लाया गया था। इसके बाद वहां से रेफर करने के बाद आइजीआइएमएस मंगलवार की देर शाम रेफर किया गया। जहां बुधवार की दोपहर में इंडोस्कोपी के माध्यम से 40 मिनट के मेहनत के बाद सुरक्षित मोबाइल निकाल लिया गया।

आशीष कुमार झा की टीम ने किया कमाल

डॉक्टर ने बताया कि अब मरीज ठीक है। बगैर किसी ऑपरेशन के मरीज के पेट की थैली से मोबाइल निकाला गया। सफलतापूर्वक मोबाइल निकालने पर संस्थान के निदेशक डा. बिंदे कुमार ने गैस्ट्रोलाजी विभाग के वरिष्ठ  प्राध्यापक डा. आशीष कुमार झा और उनकी टीम को बधाई दी है।

जानलेवा हो सकता था मोबाइल

टीम के नेतृत्व करने वाले डा. आशीष कुमार झा ने बताया कि मोबाइल मरीज के पेट के नीचे चला गया था। इसके कारण वह काफी परेशान था। उसे भोजन नहीं दिया जा रहा था, वह केवल तरल पदार्थ ही ले पा रहा था। उन्होंने बताया कि यदि मोबाइल तीन-चार दिनों तक पेट में ही रह जाता तो वह जानलेवा हो सकता था। मोबाइल लगभग तीन इंच का था। इसमें तीसरे दिन से मोबाइल की बैट्री रिसने लगती है, इससे उसका पेट भी फट सकता था। इससे उसकी जान को अधिक खतरा था।

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