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3 दिन स्कूल से गायब रहे बच्चे तो शिक्षकों का बढ़ जाएगा काम, IAS S Siddharth ने सभी स्कूलों को दे दिया नया टास्क

बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को एक और बड़ा काम दे दिया है। अगर बच्चे स्कूल से लगातार तीन दिन तक गायब रहते हैं तो शिक्षक इस बारे में अभिभावकों को जानकारी देंगे। इतना ही नहीं स्कूलों में बच्चों को निर्धारित ड्रेस और स्कूली बैग के साथ आना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिया है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mukul Kumar Updated: Fri, 09 Aug 2024 02:26 PM (IST)
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। अगर बच्चे लगातार तीन दिन विद्यालय नहीं आएंगे, तो उनके अभिभावक को प्रधानाध्यापक सूचना देंगे। उसके बाद भी नहीं आने पर शिक्षक बच्चों के घर जाएंगे। शिक्षक उनके अभिभावकों से विद्यालय नहीं आने का कारण पूछेंगे। अभिभावक को इस बात के लिए तैयार करेंगे कि बच्चे को स्कूल भेजें।

अभिभावकों के साथ नियमित रूप से अभिभावक- शिक्षक बैठक होगी। यह व्यवस्था शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में की गई है। साथ ही अब प्रत्येक विद्यालय में 'हेड ब्वाय' और 'हेड गर्ल' भी होंगी।

यह मौका बारी-बारी से सभी बच्चों को दिया जाएगा। नई व्यवस्था में अपेक्षाकृत रूप से पढ़ाई में कमजोर बच्चे बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चे के साथ पहली पंक्ति में बैठेंगे।

बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी अपने सहपाठी को कक्षा कार्य, अभ्यास पत्रक एवं अधूरे गृहकार्य को पूरा करने में सहयोग करेंगे। अभिरुचि एवं शौक के अनुरूप चिह्नित कर बच्चे उसके अनुरूप गतिविधियों में सम्मिलित किए जाएंगे।

सभी स्कूलों को दिया गया ये भी निर्देश

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि सभी विद्यालयों में शैक्षणिक, खेलकूद और सामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

चार समूह में बांट कर बच्चे प्रतियोगिताओं में शामिल किए जाएंगे। हर समूह के नाम नदियों के नाम पर रखने का सुझाव भी दिया गया है।

शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे निर्धारित पोशाक में स्कूल बैग के साथ कक्षाओं में आएं। शिक्षक साफ-सफाई पर भी ध्यान देंगे। कटे हुए नाखून एवं संवरे हुए बाल में बच्चे आएं। शिक्षक बच्चों को सकारात्मक व्यवहार के लिए प्रेरित करेंगे। चेतना सत्र में बच्चों के छोटे प्रयासों की भी सराहना होनी चाहिए।

बच्चों को पढ़ाएंगे अनुशासन का पाठ

शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने के लिए शिक्षक उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाएंगे। अवांछित व्यवहार करने वाले विद्यार्थी मौखिक शाब्दिक प्रशंसा एवं प्रतीकात्मक चेतावनी से नियंत्रित किए जाएंगे।

कोई भी विद्यार्थी अपनी कक्षा-स्तर के अनुरूप अधिगम प्रतिफल को प्राप्त किए बिना अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत नहीं होंगे। इसका ध्यान रखा जाएगा कि विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति नहीं हो।

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