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ब्रिलियंट शोधार्थियों के लिए खुशखबरी, हर महीने खाते में आएंगे 15 हजार; बिहार सरकार ने कर दी घोषणा

Bihar News बिहार के शिक्षा विभाग ने शोधार्थी के लिए बड़ी घोषणा कर दी है। बिहार सरकार मुख्यमंत्री शोध-वृत्ति योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। अब सरकार बिहार में मेधावी शोधार्थियों को हर महीने 15 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देगी। पहले सरकार शोधार्थियों को केवल 10 हजार रुपये देती थी जिसे बढ़ा दिया गया है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mukul Kumar Updated: Sat, 10 Aug 2024 04:53 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूराे, पटना। राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में बिहार सरकार मुख्यमंत्री शोध-वृत्ति योजना लागू करने जा रही है। इस योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इस राशि से राज्य के मेधावी शोधार्थियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। चयनित शोधार्थी को 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पहले शोधार्थी को 10 हजार रुपये प्रतिमाह देने का प्रस्ताव था।

हाल में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री शोध-वृत्ति योजना संबंधी प्रस्ताव को सहमति मिली थी। उसके बाद इस योजना को लेकर विस्तृत प्रस्ताव तैयार हुआ।

प्रस्ताव के अनुसार, सभी विषयों में प्रत्येक वर्ष बिहार के मेधावी विद्यार्थियों को पीएचडी करने के लिए शोध-वृत्ति प्रदान की जाएगी।

शोध-वृत्ति योजना के तहत, पीएचडी करने वाले शोधार्थियों का चयन विश्वविद्यालयों की कमेटी करेगी। विश्वविद्यालय के स्तर से चयनित शोधार्थियों के नामों की अनुशंसा शिक्षा विभाग को भेजेगी।

स्नातकोत्तर संकायों से जुड़े सभी विषयों में प्रत्येक वर्ष चार सौ से ज्यादा शोधार्थियों को पीएचडी करने के लिए फेलोशिप प्रदान की जाएगी। शोधार्थी के खाते में फेलोशिप की राशि भेजी जाएगी।

फेलोशिप देने के लिए 6 कैटेगरी तय की गई

इसके लिए नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी पात्र होगा, लेकिन शर्त यह कि उसे यूजीसी से जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) नहीं मिला हो। फेलोशिप देने के लिए 6 कैटेगरी तय की गई हैं। इन पर अधिकतम 100 अंक मिलेंगे।

मैट्रिक पर अधिकतम 10 अंक, इंटरमीडिएट पर अधिकतम 15 अंक, स्नातक पर अधिकतम 25 अंक, स्नातकोत्तर पर अधिकतम 35 अंक, प्रत्येक रिचर्स पब्लिकेशन पर दो अंक अधिकतम 10 अंक दिए जाएंगे और सिनोप्सिस पर अधिकतम 5 अंक दिए जाएंगे।

अनारक्षित शोधार्थियों के लिए 31 वर्ष और पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग और महिला शोधार्थियों के लिए 36 वर्ष अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गई है। प्रत्येक शोधार्थी को अधिकतम 3 वर्ष तक फेलोशिप दी जाएगी।

शोध वृत्ति योजना में व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शामिल

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शोध-वृत्ति योजना मेंव्यावसायिक पाठ्यक्रम को भी सम्मिलित किया जाएगा, ताकि व्यावसायिक विषयों से पढ़ाई करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को भी योजना का लाभ मिल सके, शोध कार्य पूरा कर सकेंगे।

शिक्षा विभाग के बजट में शोध कार्य और नवाचार को बढ़ावा देने का भी प्रविधान किया गया है। इसलिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में रिसर्च पार्क को स्थापित करने हेतु राशि उपलब्ध करायी जाएगी। यह राशि मुख्यमंत्री शोध-वृत्ति योजना में आवंटित बजट से दी जाएगी।

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