शिक्षा विभाग के निर्देश से हड़कंप! इन शिक्षकों और कर्मियों के सामने वेतन-पेंशन का संकट; CM नीतीश को लिखा गया पत्र
बिहार में शिक्षा विभाग के नए निर्देश से हड़कंप मच गया है। राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों के सामने वेतन-पेंशन का संकट छा गया है। जुलाई और अगस्त का भुगतान नहीं हुआ है क्योंकि शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करने के कारण अनुदान पर रोक लगा दी गई है। फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (फुस्टाब) ने इस संबंध में सीएम नीतीश को पत्र लिखा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों, सेवानिवृत्त शिक्षकों तथा कर्मचारियों के समक्ष वेतन व पेंशन का संकट गहरा गया है।
जुलाई और अगस्त का वेतन-पेंशन भुगतान नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग के निर्देशों का अक्षरश: पालन नहीं करने के कारण अनुदान पर रोक लगा दी गई है।इसकी वजह से सबसे बुरा हाल पेंशन आश्रित अवकाशप्राप्त शिक्षकों तथा कर्मचारियों की है। वहीं शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने विश्वविद्यालयों से साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वह दिये गये निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें, ताकि अनुदान विमुक्ति की कार्रवाई की जा सके।
शिक्षा विभाग का यह भी निर्देश
निर्देश है कि विभाग के नवनिर्मित पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर विश्वविद्यालय द्वारा अपने सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी के संबंध में मूल डाटा अपलोड किया जाना है, जिसमें सभी वेतन, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले शिक्षकों, कर्मियों और व्यक्तियों का डाटा होगा।फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन आफ बिहार (फुस्टाब) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को पत्र भेज कर विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। फुस्टाब के अध्यक्ष केबी सिन्हा ने बताया कि पर्व-त्योहार का सीजन है।
ऐसे समय में शिक्षा विभाग द्वारा अनुदान पर रोक लगाना कहां तक न्यायसंगत है। संगठन की ओर से शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन व पेंशन का भुगतान हेतु अनुदान राशि विश्वविद्यालयों को शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की गई है।यह भी पढ़ें-2 सीनियर अफसरों पर विभागीय कार्रवाई शुरू, शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को दिया 3 महीने का समय; पढ़ें पूरा मामला
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