Move to Jagran APP

Bihar Teacher Salary: विश्वविद्यालय शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं होने पर कटेगी 25 प्रतिशत राशि, आदेश जारी

बिहार के शिक्षा विभाग ने वेतन सत्यापन नहीं कराने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को अंतिम रूप से आगाह किया है। विभाग ने स्पष्ट तौर से कहा है कि वेतन सत्यापन कराने हेतु आवेदन नहीं करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का तीन माह बाद वेतन बंद होगा। इसलिए तय समय सीमा के अंदर यानी तीन माह के अंदर वेतन सत्यापन कोषांग में वेतन सत्यापन करा लें।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 21 Jun 2024 06:54 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2024 06:54 PM (IST)
विश्वविद्यालय शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं होने पर कटेगी 25 प्रतिशत राशि। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दीनानाथ साहनी, पटना। शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों को वेतन भुगतान की राशि तो जारी दी है, लेकिन अब विभाग ने यह आदेश भी दिया है कि जिन शिक्षकों और कर्मियों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है, उनके वेतन से 25 प्रतिशत राशि कटेगी। कटौती की गई बकाया राशि वेतन सत्यापन के बाद ही मिलेगा।

शिक्षा विभाग का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। वहीं, विभाग ने विश्वविद्यालयों को 116 करोड़ रुपये तीन माह के अंदर खर्च नहीं होने पर चेतावनी दी है और तय अवधि के बाद राशि राज्य सरकार को सरेंडर करने को कहा है। आदेश के मुताबिक कोई भी भुगतान मनमाने तरीके से नहीं किया जाएगा और भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।

सत्यापन को आवेदन नहीं करने वालों का तीन माह बाद वेतन होगा बंद

शिक्षा विभाग ने वेतन सत्यापन नहीं कराने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को अंतिम रूप से आगाह किया है। विभाग ने स्पष्ट तौर से कहा है कि वेतन सत्यापन कराने हेतु आवेदन नहीं करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का तीन माह बाद वेतन बंद होगा। इसलिए तय समय सीमा के अंदर यानी तीन माह के अंदर वेतन सत्यापन कोषांग में वेतन सत्यापन करा लें।

वैसे शिक्षक और कर्मचारी, जिनका वेतन सत्यापन कोषांग से वेतन पुर्जी निर्गत नहीं हुआ है, उन्हें 25 प्रतिशत राशि काट कर वेतन का भुगतान किया जाएगा। वहीं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन सत्यापन के बाद ही बकाया पेंशन आदि का भुगतान होगा।

चाह माह के वेतन मद में 308 करोड़ की स्वीकृति

शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के चार माह के वेतन मद 308 करोड़ 18 लाख 1,729 रुपये की स्वीकृति दी है। वहीं सेवानिवृत्त शिक्षकों तथा कर्मचारियों के वेतन तथा सेवांत लाभ के मद में 1118 करोड़ 47 लाख 75 हजार 672 रुपये और अतिथि शिक्षकों के बकाया मानदेय के मद में 140 करोड़ 10 लाख 50 हजार रुपये की राशि की स्वीकृति दी है।

शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक, तय प्रविधान के तहत स्वीकृत राशि का व्यय एक माह के अंदर किया जाना अनिवार्य है। साथ ही शिक्षा विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र देना होगा। यदि भुगतान एक माह के अंदर नहीं होता है, तो उसके बाद के भुगतान की पुनः स्वीकृति मुख्यालय से लेनी होगी।

अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन सत्यापन कोषांग से वेतन सत्यापन के बाद ही बकाया पेंशनादि का भुगतान होगा। वेतन सत्यापन कोषांग से सत्यापन न होने पर औपबंधिक सेवांत लाभ-पेंशन देय होगा।

ये भी पढ़ें- KK Pathak : केके पाठक तो चले गए... अब लापरवाह हो गए यहां के शिक्षक-हेडमास्टर, विभाग की पड़ी नजर तो हुआ ये एक्शन

ये भी पढ़ें- KK Pathak: केके पाठक के जाते ही शिक्षा विभाग ने बदल दी एक और चीज, इन अधिकारियों को सौंपा ये काम; पढ़ें डिटेल


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.