बिहार शिक्षा विभाग का कॉलेज शिक्षकों के लिए बड़ा आदेश, प्रतिदिन 5 क्लास अनिवार्य; नहीं तो कट जाएगा दिन का पूरा वेतन
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को हरेक दिन कम से कम पांच कक्षा लेना अनिवार्य होगा अन्यथा उस दिन का वेतन बंद होगा। यदि कॉलेज के कक्षाओं में छात्र-छात्रा नहीं हैं तो शिक्षकों को समीप के कॉलेज में जाकर कक्षाएं लेनी होंगी। यह निर्देश विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में उपलब्ध सभी नये-पुराने शिक्षकों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को हरेक दिन कम से कम पांच कक्षा लेना अनिवार्य होगा अन्यथा उस दिन का वेतन बंद होगा। यदि कॉलेज के कक्षाओं में छात्र-छात्रा नहीं हैं तो शिक्षकों को समीप के कॉलेज में जाकर कक्षाएं लेनी होंगी।
यह निर्देश विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में उपलब्ध सभी नये व पुराने शिक्षकों पर लागू होगा। इस बाबत शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आदेश जारी कर इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
शिक्षा विभाग के निरीक्षण में ये बात आई सामने
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि शैक्षणिक गतिविधियों के लिए जो रूटीन बनाए गए हैं, उसमें सभी स्तर के शिक्षकों को कक्षा संचालन की बराबरी की जवाबदेही नहीं दी गयी है।
साथ ही रूटीन में शिक्षकों के नाम एवं वर्ग कक्ष पहचान संख्या आदि अंकित नहीं रहता है। इसके चलते विद्यार्थियों के बीच कक्षा संचालन के संबंध में संशय की स्थिति बनी रहती है। इसकी वजह से समय-सीमा के अंदर सिलेबस पूरा नहीं हो पा रहा है।
यही कारण है कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के बावजूद उनमें उत्साह में कमी देखी जा रही है।
इसलिए सभी कुलपति नये रूटीन बनाकर उसे प्रभावी तरीके से लागू कराएं। इसमें मामले में प्राचार्यों और शिक्षकों के स्तर से लापरवाही बरती जाए तो अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए तत्काल वेतन बंद करें।
समयसीमा के अंदर सिलेबस पूरा कराने के प्रति किया आगाह
शिक्षा विभाग ने समयसीमा के अंदर सिलेबस को पूरा करने के प्रति सभी कुलपतियों के साथ-साथ प्राचार्यों एवं शिक्षकों को आगाह किया है।
कुलपतियों व प्राचार्यों को यह भी आगाह किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि यदि सारी कक्षाएं आवंटित करना संभव नहीं है तो शेष कक्षाओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के बगल के अन्य कॉलेजों में भेजा जाए और इसका अनुपालन जिस शिक्षक द्वारा नहीं किया जाता है उनका उस दिन का वेतन बंद किया जाए।
हर हाल में छात्र-छात्राओं के भविष्य के हित में सिलेबस को पूरा करने के हिसाब से कक्षाएं संचालित होनी चाहिए। इससे संबंधित साप्ताहिक रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाए।
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