Move to Jagran APP

Bihar News : संस्कृत विद्यालयों को लेकर शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान, इन स्कूलों की खत्म होगी मान्यता; ये है कारण

सूचना नहीं देने वाले संस्कृत विद्यालयों की मान्यता खत्म करने का आदेश दिया गया है। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 15 अप्रैल को ही संस्कृत विद्यालयों से जरूरी सूचनाएं मांगी थीं। इसके लिए अलग-अलग तीन फॉर्मेट जारी किया गया था। सूचनाओं के कागजात भी मांगे गए थे। इसके बावजूद सभी संस्कृत विद्यालयों द्वारा बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायी गई हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 30 Apr 2024 03:28 PM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने प्रस्वीकृति प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को अपने संसाधनों और शिक्षकों-कर्मियों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया है कि सूचना नहीं देने वाले संस्कृत विद्यालयों को तत्काल प्रस्वीकृति की मान्यता खत्म करने की कार्रवाई करें।

दरअसल, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 15 अप्रैल को ही संस्कृत विद्यालयों से जरूरी सूचनाएं मांगी थीं। इसके लिए अलग-अलग तीन फॉर्मेट जारी किया गया था। सूचनाओं के कागजात भी मांगे गए थे।

शिक्षा बोर्ड को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायी गई

इसके लिए 25 अप्रैल तक की तिथि निर्धारित की गयी थी। इसके बावजूद सभी संस्कृत विद्यालयों द्वारा बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायी गई हैं।

इसे शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि जिन विद्यालयों द्वारा वांछित सूचना संस्कृत बोर्ड को उपलब्ध नहीं करायी गयी है, उन सभी विद्यालयों पर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। अन्यथा यह माना जाएगा कि संबंधित संस्कृत विद्यालय संचालित नहीं है और कोई भी शिक्षक-कर्मचारी कार्यरत नहीं है।

स्कूलों में स्मार्ट क्लास में एईएस और जेई की जानकारी लेंगे बच्चे

राज्य में बढ़ती गर्मी और तापमान में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चमकी बुखार और जापानी इंसेफेलाइटिस प्रबंधन के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति काफी सतर्क है। इसको लेकर समिति के निर्देश पर सभी प्रखंडों में टास्क फोर्स गठित की जा रही है, ताकि आपात स्थिति में दिमागी बुखार के मामलों पर काबू पाया जा सके।

आशा के माध्यम से आपात स्थिति में एंबुलेंस के लिए टाल फ्री नंबर 102 पर डायल करने की जानकारी भी दी जाएगी। सिविल सर्जन डा. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि राज्य मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के आलोक में टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है।

साथ ही, शिक्षा विभाग से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। ताकि स्कूली बच्चों को दिमागी बुखार के प्रति जागरूक किया जा सके। सीएस ने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को एईएस और जापानी इंसेफेलाइटिस के बारे में बताया जाएगा।

वहां स्मार्ट क्लास के माध्यम से एईएस के बचाव से संबंधित वीडियो प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, सभी स्कूलों की दीवारों पर एईएस जापानी इंसेफेलाइटिस और चमकी की धमकी का शपथ पत्र अंकित की जाएगा।

अतिकुपोषित बच्चों को भेजा जाएगा एनआरसी सिविल सर्जन ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से समुदाय को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही, जिले के अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित करते हुए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भेजा जाएगा।

जीविका दीदी के माध्यम से इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। सभी पंचायती राज संस्थान के सदस्यों को इस बीमारी के बारे में बताया जाएगा। जिन इलाकों में सूअर पालन का कार्य किया जा रहा है। उन गांवों से जिला प्रशासन की मदद से सूअर बाड़ों को दूर स्थापित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें-

KK Pathak: हजारों शिक्षकों के नहीं मिले सर्टिफिकेट फोल्डर, Patna High Court ने शिक्षा विभाग को दिया ये आदेश

Amit Shah: 'अगर इंडी गठबंधन जीता तो...', प्रधानमंत्री पद को लेकर अमित शाह का बड़ा बयान; सियासी हलचल तेज

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।