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बिहार के इंजीनियरिंग छात्रों को इंटर्नशिप पाना भी हुआ मुश्किल, प्राचार्यों ने बिहार सरकार से लगाई मदद की गुहार

Bihar Engineering Students बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को प्राइवेट कंपनियों में इंटर्नशिप पाने में बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इन छात्रों को केवल सरकारी संस्थानों में ही इंटर्नशिप मिल पा रही है। इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्यों ने इस संबंध में बिहार सरकार को पत्र लिखकर छात्रों की मदद करने की गुहार लगाई है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 22 Jul 2024 06:45 PM (IST)
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बिहार के इंजीनियरिंग छात्रों को निजी कंपनियों में नहीं मिल रही इंटर्नशिप। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Engineering Students : बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को अच्छी निजी कंपनियों में इंटर्नशिप नहीं मिल रही है। इन छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप केवल सरकारी संस्थानों में ही मिल पा रही है।

इसका खुलासा हाल में इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्यों द्वारा विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को लिखे गए पत्र से हुआ है।

पत्र में कहा गया है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इंटर्नशिप के लिए सरकारी संस्थानों में आसानी से प्रवेश मिल जाता है, लेकिन निजी कंपनियों में छात्रों को इंटर्नशिप नहीं मिल रही है।

क्या कहते हैं इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य?

कई प्राचार्यों ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं की यह इच्छा होती है कि निजी क्षेत्र की नामचीन कंपनियों में इंटर्नशिप हो। इसे लेकर विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है।

प्राचार्यों ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) को भी तकनीकी शिक्षा पाने वाले छात्र-छात्राओं को निजी कंपनियों में इंटर्नशिप कराने हेतु आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इसके लिए विभाग को भी पहल करनी चाहिए।

दरअसल, एआइसीटीई के पोर्टल पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के सरकारी संस्थानों के ही नाम अपलोड है, जबकि कर्नाटक, ओडि़शा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलांगाना में कई निजी कंपनियों के नाम इस पोर्टल पर दर्ज हैं, जिससे उन राज्यों में तकनीकी शिक्षा लेने वाले छात्रों को इंटर्नशिप निजी कंपनियों में उपलब्ध है।

इंजीनियरिंग छात्रों को अच्छे ऑफर का संकट

प्राचार्यों ने बताया कि राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई कर डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को अच्छी नौकरी मिलने का भी संकट है। 95 प्रतिशत छात्रों को नामचीन निजी कंपनियों से प्लेसमेंट का ऑफर नहीं मिलता है।

हाल यह है कि सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों से डिग्री लेने के बावजूद छात्र-छात्राओं को दूसरे क्षेत्र में नौकरी के लिए भटकना पड़ता है।

हालांकि, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई के लिए जो संसाधन होने चाहिए, उसका घोर अभाव है। कॉलेजों के लिए भवन तो बन गए, लेकिन अच्छे शिक्षक और अन्य संसाधन नहीं मिले।

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