बिहार के डीजीपी और गायक से संत तक की भूमिका में, सरकारी स्कूल में बोरी पर बैठ गुप्तेश्वर पांडेय ने की थी पढ़ाई
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक कुशल वक्ता हैं। बिहार पुलिस में एसपी से लेकर शीर्ष पद तक की नौकरी में कानून व्यवस्था पर गहरी पकड़ तो उनकी है ही अध्यात्म और समाज से जुड़े कई विषयों पर वह अच्छी जानकारी रखते हैं।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। बिहार के पूर्व डीजीपी और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय (Bihar Ex DGP Gupteshwar Pandey) आजकल फिर से चर्चा में हैं। वे आजकल अयोध्या, मथुरा और वृंदावन के मठ-मंदिरों और धार्मिक सत्संगों में खूब दिख रहे हैं। पूर्व डीजीपी इन दिनों प्रवचन दे रहे हैं और लोगों को राम चरित मानस के प्रसंग समझ रहे हैं। वे बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीजीपी के पद से त्यागपत्र (वीआरएस) लेकर जदयू ज्वाइन कर लिये थे। बिहार के बक्सर जिले से ताल्लुक रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पांडेय (IPS Gupteshwar Pandey) ने लंबे अरसे तक पुलिस की नौकरी करते हुए कानून की बारीकियों पर पकड़ तो बनाई ही है, वे संगीत और अध्यात्म में भी शुरू से ही गहरी रुचि रखते रहे हैं। वे हमेशा चर्चाओं में रहते हैं और उनसे जुड़े तमाम रोचक किस्से हैं।
बक्सर जिले के सुदूरवर्ती गांव में हुई प्रारंभिक पढ़ाई
बिहार के बक्सर जिले के सुदूरवर्ती गांव गेरुआबांध में रहकर उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की थी। पिछले दिनों नौकरी से रिटायर होने के बाद वे अपने प्राइमरी स्कूल में गए, जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। उन्होंने स्कूल का वीडियो फेसबुक पर शेयर किया। एक मठ के बेहद मामूली कमरों में उन्होंने जमीन पर बोरी बिछाकर अपनी पढ़ाई की। बाद में उच्च शिक्षा के लिए वे पटना आए और पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। संस्कृत विषय से यूपीएससी क्लीयर करने पर उन्हें भारतीय राजस्व सेवा में चयनित होने का मौका मिला। उन्होंने दोबारा कोशिश में यूपीएससी से भारतीय पुलिस सेवा में चयनित होने में सफलता पाई।
1987 से 2020 तक पुलिस सेवा की नौकरी
बिहार पुलिस में एसपी के रैंक से लेकर डीजीपी तक के पद पर उन्होंने नौकरी की। 1987 में शुरू हुआ भारतीय प्रशासनिक सेवा का सफर 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के साथ खत्म हुआ। पुलिस अफसर के तौर पर अपनी पारी खत्म करने के बाद उन्होंने जदयू से जुड़कर बिहार की राजनीति का रूख किया था, हालांकि इसके बाद कुछ खास प्रगति इस दिशा में नहीं हो सकी। उन्हें पहले विधानसभा और बाद में विधान परिषद के लिए टिकट मिलने की संभावना जताई गई थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कहा जाता है कि इससे पहले भी एक बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने वीआरएस लेने की कोशिश की थी।
ब्राह्मण बहुल दो सीटों पर थी पांडेय की नजर
पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त चर्चा थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी उन्हें उनके गृह जिले बक्सर की सदर विधानसभा सीट या भोजपुर जिले के अंतर्गत शाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। ये दोनों सीटें ब्राह्मण बहुल हैं और दोनों सीटों पर मौजूदा विधायक ब्राह्मण समुदाय से हैं।
सुशांत मामले से राष्ट्रीय स्तर पर हुए थे चर्चित
गुप्तेश्वर पांडेय बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या प्रकरण में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुए थे। उन्होंने मुंबई पुलिस की लचर जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बिहार से एक आइपीएस अधिकारी के नेतृत्व में अपनी टीम को मुंबई भेजा था। बिग बास फेम दीपक ठाकुर ने उनके लिए एक गाना गाया था- राबिन हुड बिहार के...।
कुशल वक्ता और गायक भी हैं पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक कुशल वक्ता हैं। बिहार पुलिस में एसपी से लेकर शीर्ष पद तक की नौकरी में कानून व्यवस्था पर गहरी पकड़ तो उनकी है ही, अध्यात्म और समाज से जुड़े कई विषयों पर वह अच्छी जानकारी रखते हैं। बिहार का डीजीपी बनने से पहले उन्होंने शराबबंदी के समर्थन में युवाओं के एक अभियान से जुड़कर राज्य के तमाम हिस्सों में सभाएं कीं। प्रवचनकर्ता के रूप में उनकी वाणी को लोग सराह रहे हैं। एक जमाने में एक के बाद एक उनके कई गाने टी-सिरीज से रिलीज हुए।