Bihar Farmer: किसानों के लिए जरूरी खबर, फसल बर्बाद होने पर BRFSY योजना का ले सकते हैं लाभ
तुझे मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं...। इस गीत में भले ही अभिनेता पल्ला झाड़ते हुए प्रतीत हो रहा हो लेकिन बिहार सरकार किसानों के साथ खड़ी है। यदि आपकी मिर्ची न लगे तो सरकार सहायता देगी। जी हां प्रदेश की सरकार ने 12 जिलों के किसानों के लिए यह व्यवस्था दी है। ऐसे में किसान फसल की क्षति होने पर योजना का लाभ ले सकते हैं।
व्यास चंद्र, पटना। Bihar Farmers: बिहार राज्य फसल सहायता योजना (रबी) (Bihar State Crop Assistance Scheme) के तहत इसका प्रविधान है। राज्य के 12 जिलों के किसानों को यदि मिर्ची की फसल (chilli crop) में नुकसान होता है तो 20 प्रतिशत तक की क्षति के लिए उन्हें 75 सौ रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता राशि दी जाती है। इससे ज्यादा नुकसान होने पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाने की व्यवस्था है।
मिर्ची के नुकसान को कटिहार से आए सबसे ज्यादा आवेदन
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana: मिर्ची को केवल 12 जिलों के लिए अधिसूचित है। इनमें सबसे ज्यादा आवेदन कटिहार (Katihar Farmers) के किसानों ने किया है। मधुबनी और सीतामढ़ी से भी अच्छी-खासी संख्या में किसानों ने सहायता राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।
गेहूं को राज्य के सभी 38 जिलों में पंचायत स्तरीय फसल (BRFSY) के रूप में अधिसूचित किया गया है। इसके अलावा मक्का को 31 जिलों में पंचायत स्तरीय फसल के रूप में अधिसूचित है। वहीं, राई सरसों 37 एवं मसूर 34 जिलों में जिलास्तरीय फसल के रूप में अधिसूचित है।
पटना के 6,467 किसानों ने की सहायता राशि की मांग
वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत पटना के कुल 6,467 किसानों ने सहायता राशि के लिए आवेदन किया। सबसे ज्यादा चना और गेहूं के लिए आवेदन आए।
इसके अलावा मसूर, मक्का, प्याज, आलू, टमाटर, बैंगन के लिए भी किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। फसल सहायता के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पूर्वी चंपारण व भागलपुर से आए हैं।
आधार लिंक्ड बैंक खाते में सहायता राशि आती है। इसके लिए रैयत और गैर रैयत के साथ ही आंशिक रूप से रैयत और गैर रैयत किसान भी आवेदन कर सकते हैं।
पटना में गेहूं से ज्यादा राई के लिए किए गए आवेदन
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana: पटना जिले (Patna News) की बात करें तो गेहूं (wheat crop) के लिए 5,238 किसानों ने आवेदन किया है, जबकि मसूर और राई के लिए इससे ज्यादा क्रमश: 6,206 और 6, 147 किसानों का आवेदन पोर्टल पर आया है।
धनरुआ और मसौढ़ मसूर और राई की खेती बड़ी संख्या में किसान करते हैं। मुख्य रूप से इन्हीं दो प्रखंडों में हर फसल बड़े पैमाने पर होती है।
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