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वित्‍त मंत्री विजय चौधरी SLBC की बैठक में बोले- यह बिहार का धन है, बैंकों को समझनी होगी सरकार की प्राथमिकता

Bihar News ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) व वार्षिक ऋण लक्ष्य (एसीपी) में बैंकों का प्रदर्शन भरसक संतोषजनक रहा है लेकिन ऋण वितरण में कृषि व अनुवर्ती क्षेत्र की उपेक्षा पर सरकार ने सुधार की स्पष्ट चेतावनी भी दी है। बुधवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 85वीं-86वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बैंकों को सरकार की अपेक्षा पर खरा उतरने की सीख दी।

By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Thu, 31 Aug 2023 12:50 AM (IST)
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होटल मौर्या में आयोजित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक को संबोधित करते वाणिज्य कर मंत्री विजय कुमार चौधरी। जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना: ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) व वार्षिक ऋण लक्ष्य (एसीपी) में बैंकों का प्रदर्शन भरसक संतोषजनक रहा है, लेकिन ऋण वितरण में कृषि व अनुवर्ती क्षेत्र की उपेक्षा पर सरकार ने सुधार की स्पष्ट चेतावनी भी दी है।

बुधवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 85वीं-86वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बैंकों को सरकार की अपेक्षा पर खरा उतरने की सीख दी।

व‍ित्‍त मंत्री ने तर्क देकर समझाया

तार्किक तरीके से उन्होंने समझाया कि बिहार में कार्यरत वाणिज्यिक बैंक हो या निजी, सरकार का धन अगर उनमें जमा है तो ऋण के वितरण में सरकार की प्राथमिकता को महत्व देना ही होगा। बार-बार अपेक्षा व चेतावनी की स्थिति ही क्यों बने, जबकि लक्ष्य पूर्व निर्धारित है।

इस उलाहना के साथ उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अगली बैठक में बैंक के प्रतिनिधि शत प्रतिशत उपलब्धि के आंकड़ा-ब्योरा के साथ उपस्थित रहेंगे, अन्यथा सरकार के पास और भी उपाय हैं।

सरकार से समन्वय व सहयोग बढ़ाते हुए बैंकों ने प्रदर्शन में सुधार का आश्वासन दिया बिहार में बैंकों द्वारा वर्ष 2022-23 में 2.04 लाख करोड़ के एसीपी के विरुद्ध 2.20 लाख करोड़ का ऋण वितरित किया गया। यह लक्ष्य का 108.02 प्रतिशत है।

इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि की अपेक्षा के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव सहायता देगी, लेकिन बैंकों को भी बिहार की प्रगति के लिए पहल करनी होगी।

सीडी रेश‍ियो में हुआ सुधार

जून, 2023 में राज्य का सीडी रेशियो 55.70 प्रतिशत रहा है। पिछले वर्षों की तुलना में इसमें संतोषजनक सुधार हुआ है, लेकिन इसे राष्ट्रीय औसत (77 प्रतिशत) तक ले जाने के लिए लगातार प्रयास करना होगा।

निजी क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन ज्यादा ही लचर है। सरकार जो चाहती है, उसे पूरा करने में अगर समस्या है तो ऐसा नहीं चलेगा। इन बैंकों में भी सरकार का काफी धन जमा है और ताली दोनों हाथ से बजती है। 

उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में बैंकों के सहयोग को विजय कुमार चौधरी ने महत्वपूर्ण बताया। अपेक्षा यह कि युवा उद्यमियों की आवश्यकता के अनुसार बैंकों को ऋण देना चाहिए।

हालांकि, इसमें काफी आनाकानी होती है। लंबित आवेदनों के कारण बैंकों के चक्कर लगाते आवेदक परेशान हो जाते हैं। उन्होंने बैंकों से कहा कि ऋण आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज की सूची जारी कर दी जाए। आवेदन निरस्त होने का कारण भी स्पष्ट किया जाए।

वित्त मंत्री की तीन अपेक्षा

01. सरकार की अपेक्षा पर बैंकों को खरा उतरना होगा। कृषि, पशुपालन, मत्स्य व कुक्कुट पालन क्षेत्र प्राथमिकता में हैं। बैंक इनकी सर्वाधिक अनदेखी कर रहे। अविलंब सुधार कर लें, क्योंकि आगे ऐसा नहीं चलने वाला।

02. जिला और प्रखंड स्तर की बैंकर्स समिति की बैठक समय पर हो, उसमें लिए गए निर्णय पर एसएलबीसी में भी विचार-विमर्श हो। इससे यह पता चल सकेगा कि जिला और प्रखंड स्तर पर बैंकों का क्या रवैया है।

03. एसएलबीसी की रिपोर्ट में उपलब्धि के साथ प्रगति व कमजोरी के कारण भी स्पष्ट रहें। बैठक में बैंकों के राज्य स्तरीय प्रमुख उपस्थित रहें। अगर अपने अधीनस्थ को वे बैठक में भेज रहे तो उसकी पूर्व स्वीकृति लें।

जिलावार सीडी रेशियो प्रतिशत में  श्रेष्ठतम स्थिति

पूर्णिया : 89.82 

अररिया : 83.10

शिवहर : 77.27 

किशनगंज : 75.74 

पूर्वी चंपारण : 74.31

न्यूनतम स्थिति 

मुंगेर : 31.47 

नालंदा : 40.85 

सारण : 41.12 

भोजपुर : 42.76

लखीसराय : 43.27

(राजधानी पटना का सीडी रेशियो 47.03 प्रतिशत है। प्रतिशत के साथ श्रेष्ठ जिलों की कतार में कटिहार छठे क्रमांक पर है। इस तरह दूसरे क्षेत्रों की तुलना में सीमांचल में ऋण वितरण सर्वाधिक हुआ है।)

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