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Bihar Flood News: बिहार में खतरे के निशान को पार कर गईं नदियां, कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी; आवागमन ठप

Bihar Flood News बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी बढ़ रहा है। कई नदियां अब तक खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। अब खबर है कि निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। जिससे एक गांव से दूसरे गांव में जाने का रास्ता ठप हो गया है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Published: Wed, 03 Jul 2024 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 11:00 AM (IST)
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण टीम, पटना। Bihar Flood News वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। मनोर, कोशिल, भपसा, झिकरी व हरहा पहाड़ी नदी के साथ विभिन्न बरसाती नदियां उफना गई हैं। एक गांव से दूसरे गांव में आवागमन ठप होने लगा है। वाल्मीकिनगर में गंडक नदी का जलस्तर 50 हजार क्यूसेक पार कर गया।

एहतियात के तौर पर गंडक बराज को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मधुबनी में अधवारा समूह की धौंस नदी में जलस्तर बढ़ने से नदी पर बना चचरी पुल तेज धार में बह गया। मधवापुर में अधवारा समूह की नदियां उफना गईं हैं।

कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर

पीरौखर गांव स्थित रातों नदी में निर्माणाधीन एनएच 527सी व एसएच सड़क में दो पुल के बगल में आवागमन को लेकर बनाया गया डायवर्जन रात को नदी की तेज धारा में बह गया। नेपाल में भारी वर्षा होने से नदियां बौराई हैं। झंझारपुर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से 50 मीटर से 1.22 मीटर ऊपर बह रही है।

झंझारपुर की बलनी मेंहथ पंचायत का नवटोलिया गांव जो एकदम कमला बलान के कछार पर बसा है, उसके निचले इलाके बघार में पानी प्रवेश किया है। सीतामढ़ी के बथनाहा में पानी के भारी दबाव से सहियरा गांव के समीप सोरम नदी की धारा में बना कलभर्ट दो से तीन फीट नीचे धंस गया।

बाढ़ से घिरे गांव का सड़क संपर्क पानी में डूब गया

Bihar News पुपरी में बुधनद नदी के जलस्तर में वृद्धि से गंगापट्टी घाट पर बना चचरी पुल बह गया। कमला बलान नदी के जलस्तर में हो रही बेतहाशा वृद्धि से अंचल क्षेत्र के चतरा एवं रही टोल, बौराम मुसहरी, मंसारा सहित कई गांव पानी से चारों ओर से घिर गए हैं। बाढ़ से घिरे गांव का सड़क संपर्क पानी में डूब गया है।

लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। खगड़िया में बागमती खतरे के निशान को पार कर गई है। कोसी खगड़िया के शिशवा गांव में तीव्र गति से कटाव कर रही है। अब तक 200 एकड़ से अधिक उपजाऊ भूमि कोसी में समा चुकी है।

40 एकड़ से अधिक खेत में लगी फसल बर्बाद

अररिया में बहने वाली बकरा और परमान नदी के जलस्तर में वृद्धि से नदी का पानी आधा दर्जन से अधिक गांवों के निचले इलाकों में फैलने लगा है। मधेपुरा में कोसी में पानी बढ़ रहा है। सिंहेश्वर के प्रखंड क्षेत्र के लालपुर सरोपट्टी पंचायत के काली चौक के समीप नहर का बांध टूट गया।

इससे 40 एकड़ से अधिक खेत में लगी फसल बर्बाद हो गई। वहीं, वार्ड 13 के कई घरों में नहर का पानी चला गया। कोसी के साथ-साथ तिलयुगा नदी भी उफान पर है। कोसी तटबंध के भीतर के गांवों में जहां बाढ का पानी फैलने लगा है वहीं तिलयुगा नदी का पानी भी मरौना प्रखंड क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है।

जल संसाधन विभाग के अनुसार, कमला बलान, अधवारा, महानंदा और बागमती कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं। सीतामढी में अधवारा लगभग हर जगह पर उफना रही। सुंदरपुर में यह यह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है।

पूर्णिया के धांगड़घाट में महानंदा अभी खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन वहां उसके जल-स्तर में धीरे-धीरे कमी हो रही। कुछ ऐसी ही स्थिति मधुबनी के जयनगर में कमलाबलान की है। वहां झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

मुजफ्फरपुर के कटौंझा में बागमती भी उफनाए जा रही। सुपौल, खगड़िया, कटिहार में कोसी भी बढ़त की ओर है, लेकिन अभी बहुत चिंतित होने वाली स्थिति नहीं। जल संसाधन विभाग के अभियंता व अधिकारी अलर्ट हैं और आठों पहर तटबंधों की निगरानी हो रही।

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