Bihar Floods बिहार में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। गंगा कोसी और पुनपुन नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ से अबतक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंगेर भागलपुर लखीसराय और बेगूसराय में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने में जुटा है।
जागरण टीम, पटना। बिहार में गंगा, सोन व सहयोगी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। शनिवार को कई इलाकों में गंगा नदी के जलस्तर में कमी आई है तो कई जगहों पर वृद्धि दर्ज की गई है।
बक्सर, आरा, पटना व हाजीपुर में गंगा के जलस्तर में गिरावट आई है। वहीं भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय व बेगूसराय में गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। इन जिलों के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है।
एनएच-80 पर एक से डेढ़ फीट ऊपर बह रहा पानी
मुंगेर-भागलपुर एनएच-80 पर एक से डेढ़ फीट पानी बह रहा है। सबौर के फरका के पास एनएच 80 की सड़क 20 फीट तक घंस गई है। गंगा खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर बह रही है।भागलपुर जिले के छह प्रखंडों गोपालपुर, इस्माइलपुर, नाथनगर, सबौर, कहलगांव और अजगैवीनाथ (सुल्तानगंज) में गंगा का पानी फैल गया है। खेतों में लगी सब्जियां और मकई की फसलें डूब गई हैं।
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर
केंद्रीय जल आयोग के हरेराम प्रसाद ने बताया कि 24 घंटे में 15 सेमी जलस्तर बढ़ा है। मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर बह रही है। जिले के छह प्रखंड धरहरा, जमालपुर, सदर, हवेली खड़गपुर, बरियारपुर और असरगंज में गंगा का पानी फैल गया है।शहर के लाल दरवाजा, गीता बाबू रोड, नया टोला चंदन बाग, कंकड़घाट, नया टोला चंदनबाग, शिवनगर, हेरूदियारा, मोकबिरा आदि क्षेत्र में गंगा का पानी घुस गया है। बरियारपुर प्रखंड के प्रभावित लोग रेलवे लाइन किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं।
लखीसराय की 17 पंचायतें व बड़हिया नगर परिषद बाढ़ग्रस्त
लखीसराय जिले की 17 पंचायतें एवं बड़हिया नगर परिषद बाढ़ से ग्रस्त है। यहां गंगा की सहायक नदी हरुहर और किऊल भी उफान पर है।दियारा के खुटहा चेतन टोला में स्मिता कुमारी पशुचारा लाने के क्रम में डूब गई और उसकी मौत हो गई। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से बड़हिया पहुंचकर राहत शिविर का निरीक्षण किया है।
बेगूसराय की दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित
बेगूसराय में बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है। जिले के आठ प्रखंडों की करीब दो लाख आबादी प्रभावित हुई है।
बाढ़ के पानी में डूबने से यहां दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, जिला प्रशासन ने 25 सितंबर तक जिले के 151 विद्यालयों को बंद कर दिया है।
पटना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
पटना के दीघा घाटा पर 1.16 और गांधी घाट पर 1.51 मीटर गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हाथीदह और मनेर में शाम में गंगा के जलस्तर स्थित हो गया है।
बक्सर व हाजीपुर में गंगा के जलस्तर में कमी
सोन नदी कोईलवर में खतरे के निशान से नीचे बह रही है। पुनपुन नदी भी खतरे के ऊपर बह रही है। बक्सर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में कमी आ रही है।
हाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 12 घंटें में 3.33 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से कम हो रहा। बाढ़ प्रभावित राघोपुर के जुड़ावनपुर के पहाड़पुर पश्चिमी में बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई।
सिवान व छपरा में घट रहा नदी का पानी
सिवान में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.26 मीटर अधिक है। छपरा शहर में फैला बाढ़ का पानी अब घटने लगा है। यहां गंगा व सरयू के जलस्तर में कमी आई है।
सारण के सात प्रखंड बाढ़ के चपेट में
सारण के सात प्रखंड के 30 पंचायतों में बाढ़ से 79,019 से अधिक आबादी प्रभावित है। खगड़िया में गंगा खतरे के निशान से कई दिनों से ऊपर बह रही है। यहां गंगा की सहायक नदी बूढ़ी गंडक भी उफान पर है।शनिवार को मानसी में बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिलने पर विरोध जताते हुए कुछ देर के लिए एनएच 31 को जाम कर दिया।
कटिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
कटिहार में गंगा, कोसी, कारी कोसी, बरंडी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मनिहारी की पांच पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ के चलते जिले के 21 विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित है। अहमदाबाद व मनिहारी में लगभग एक हजार एकड़ मे लगी फसल बर्बाद हो गई है।
समस्तीपुर की 19 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित
समस्तीपुर जिले के तीन प्रखंड मोहनपुर, विद्यापतिनगर व मोहिउद्दीननगर की 19 पंचायतें प्रभावित हैं। घरों में पानी घुस गया है। पशुपालक पशुओं को ऊंची व सुरक्षित जगह लेकर जा रहे हैं। मोहनपुर में बाढ़ में डूबने से प्रिंस कुमार की मौत हो गई।
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