Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar News: सरकारी कर्मचारियों के हित में बिहार सरकार का बड़ा फैसला, 2016 से लंबित प्रमोशन का रास्ता साफ

बिहार कैबिनेट ने राज्य के चार लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। सात साल से लंबित प्रमोशन का रास्ता अब साफ हो चुका है। सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके मुताबिक जिस पद पर कर्मी-अधिकारी काम करेंगे उस पद का वेतनमान व अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी। बता दें कि 2016 से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Fri, 13 Oct 2023 02:16 PM (IST)
Hero Image
सरकारी कर्मचारियों के हित में बिहार सरकार का बड़ा फैसला, 2016 से लंबित प्रमोशन का रास्ता साफ

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Govt Employees Promotion मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी प्रोन्नति के योग्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों को वेतनमान सुविधाओं समेत प्रोन्नति की सारी सुविधाएं देने का निर्णय किया है। इससे चार लाख से ऊपर सभी राज्य कर्मियों की एक साथ प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। शर्त यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, पदों पर प्रोन्नति प्रभावित होगी पर वे अगर नीचे वाले पद पर आएंगे तो भी उनसे उच्च पदों पर लिए गए वेतनमान को सरकार नहीं वसूलेगी।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एससी के 16 और एसटी के एक यानी कुल 17 प्रतिशत पदों को फ्रीज करते हुऐ बचे 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया है। इन 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने में भी यह देखा जाएगा कि एससी के 16 और एसटी के एक यानी कुल 17 प्रतिशत पदों का कितना प्रतिनिधित्व है।

अगर निर्धारित 17 प्रतिशत पदों में उदहारण के लिए 5 प्रतिशत या 7 प्रतिशत पद ही भरते हैं तो शेष बचे 11 या 10 प्रतिशत पदों को भी फ्रीज रखा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है मामला

दरअसल, वर्ष 2016 से एससी/एसटी के पदों की प्रोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस कारण राज्य में सभी स्तर के कर्मचारियों अधिकारियों को उनके ही वेतनमान में अब तक उच्च पदों का चार्ज दिया जाता रहा है। उन्हें उच्च पदों का वेतनमान नहीं मिलता।

कर्मचारियों-अधिकारियों को मिलेंगी सुविधाएं

अब सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से जिस पद पर कर्मी-अधिकारी काम करेंगे उस पद का वेतनमान व अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी। हालांकि, डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि रोस्टर का बिंदु अभी स्थगित रखा गया है और भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सभी को नियमित प्रोन्नति दी जाएगी।

कैबिनेट का एक और बड़ा फैसला

मंत्रिमंडल ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के विस्तार की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यह संस्थान संपूर्ण उत्तर पूर्व भारत में सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा चक्षु चिकित्सा संस्थान बन जाएगा। इसमें 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर एवं 154 बेड क्षमता होगी। संस्थान की अपनी रिसर्च विंग होगी एवं 24 घंटा कार्यरत इमरजेंसी होगी।

ये भी पढ़ें- ये कैसा न्‍याय! दुष्कर्म-हत्या मामले में पुलिस की गलत जांच ने दिलाई फांसी की सजा, जेल में कटे 8 साल; अब हाईकोर्ट ने किया बरी

ये भी पढ़ें- Bihar News: अंधविश्वास में मानवता की बली, डायन समझकर कर दी वृद्ध महिला की हत्या; हथियार से काटकर किया खून से लथपथ

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर