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Bihar Real Estate: ऑनलाइन होगी जमीन की खरीद-बिक्री, 1 महीने में सभी जिलों में लागू होगा ई-निबंधन

बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री अब होगी और भी आसान! राज्य के सभी 136 निबंधन कार्यालयों में अगले एक महीने में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के माध्यम से निबंधन शुरू हो जाएगा। इस नए सॉफ्टवेयर से आमजन घर बैठे ऑनलाइन निबंधन आवेदन कर सकेंगे और शुल्क भी जमा कर सकेंगे। भूमि की खरीद-बिक्री के लिए सिर्फ एक बार ही फोटो और फिंगर प्रिंट के लिए निबंधन कार्यालय आना होगा।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 24 Sep 2024 09:28 PM (IST)
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बिहार में एक माह में सभी जिलों में लागू होगा ई-निबंधन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सभी 136 निबंधन कार्यालयों में अगले एक माह में ई-सॉफ्टवेयर के माध्यम से निबंधन शुरू हो जाएगा। इसके बाद ई-निबंधन सॉफ्टवेयर की मदद से आमजन घर बैठे ऑनलाइन निबंधन आवेदन करने के साथ शुल्क भी जमा कर सकते हैं। भूमि की खरीद-बिक्री के लिए सिर्फ एक बार ही फोटो और फिंगर प्रिंट के लिए निबंधन कार्यालय आने की जरूरत पड़ेगी। वर्तमान में पटना समेत 16 निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन को लागू किया गया है।

मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि पहले चरण में 29 जुलाई को पांच निबंधन कार्यालयों जहानाबाद, दानापुर, पटना सिटी, फतुहा एवं बिहटा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-निबंधन साफ्टवेयर से आनलाइन रजिस्ट्री की शुरुआत की गई थी।

दूसरे चरण में नौ सितंबर से 11 अन्य निबंधन कार्यालयों अरवल, बिक्रम, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, संपतचक, बाढ़, रजौली, पातेपुर, कटरा, सोनपुर एवं पीरो में इसे लागू किया गया। अब सभी जिलों के शेष निबंधन कार्यालयों में भी एक महीने के अंदर इसे लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।

इतना ही नहीं, नए सॉफ्टवेयर को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा जिससे रजिस्ट्री के साथ ही स्वत: दाखिल-खारिज हो सकेगा। इसके लिए अलग से प्रक्रिया नहीं करनी होगी।

जमाबंदी की अनिवार्यता पर अब 15 अक्टूबर को सुनवाई:

जमीन निबंधन में जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) की अनिवार्यता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अब 15 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित थी, लेकिन लिस्टिंग पर नहीं आने से अगली तारीख दे दी गई।

राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए जमीन निबंधन के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लाट की जमाबंदी अनिवार्य कर दी थी, मगर 21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है।

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