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बिहार के सभी सरकारी स्कूल होंगे चकाचक, मेंटिनेंस के लिए 50 हजार रुपये देगी नीतीश सरकार

नीतीश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों के मेंटेनेंस के लिए 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। इस राशि से स्कूलों में बल्ब पंखा ट्यूबलाइट शौचालय नल सबमर्सिबल पाइप ओभरहेड टैंक खिड़की किबाड़ बेंच डेस्क टेबुल आलमारी गैस चूल्हा सहित किचेन सामग्री प्रयोगशाला सामग्री क्रय किए गए कंप्यूटर (जिसका एएमसी नहीं हो) छत एवं फर्श सहित सभी प्रकार की मरम्मति के कार्य होंगे।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 16 Sep 2024 07:35 PM (IST)
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शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विद्यालय को राशि हस्तांतरित करने का दिया आदेश।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सभी सरकारी विद्यालयों में मेंटेनेंस पर 50 हजार रुपये खर्च होंगे। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 50 हजार रुपये मिलेंगे। यह राशि विद्यालयों के बैंक खाते में दी जाएगी।

इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया गया है।

शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक, प्रत्येक विद्यालय को मिलने वाले 50 हजार रुपये से बल्ब, पंखा, ट्यूबलाइट, शौचालय, नल, सबमर्सिबल, पाइप, ओभरहेड टैंक, खिड़की, किबाड़, बेंच, डेस्क, टेबुल, आलमारी, गैस चूल्हा सहित किचेन सामग्री, प्रयोगशाला सामग्री, क्रय किए गए कंप्यूटर (जिसका एएमसी नहीं हो), छत एवं फर्श सहित सभी प्रकार की मरम्मति के कार्य होंगे।

इस राशि से ब्लैकबोर्ड की मरम्मति एवं रंगाई, बेंच, डेस्क, टेबुल एवं आलमीरा की पेंटिंग, जल-जमाव निकासी संबंधी कार्य एवं स्कूल के जंगल-झाड़ की साफ-सफाई भी होगी।

अगर कोई विद्यालय 35 हजार रुपये का कार्य कराता है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक 35 हजार रुपये का मूल विपत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को देंगे तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा वह राशि स्कूल को हस्तांतरित की जाएगी।

प्रत्येक विपत्र में मजदूरी एवं सामग्री क्रय का स्पष्ट एवं अलग-अलग उल्लेख होगा। सभी विपत्र पर प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक के साथ उनके बाद के वरीयतम शिक्षक का पूर्ण हस्ताक्षर होगा। इसके साथ ही दो शिक्षकों के भी हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे।

राशि की निकासी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) करेंगे तथा डीसी विपत्र महालेखाकार को उपलब्ध कराने के साथ ही उसकी एक प्रति शिक्षा विभाग के एसी-डीसी कोषांग को उपलब्ध करायेंगे।

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