Bihar Bhumi Survey: कागजात हैं पर गायब है जमीन, 52 हजार एकड़ भूमि के लिए चकरा रहा अधिकारियों का माथा
नीतीश सरकार के पास जमीन के कागजात तो हैं लेकिन जमीन का पता नहीं चल रहा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल के अनुसार सरकार की करीब 52 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। सभी विभागों को अपनी जमीन का म्युटेशन कराने और अवैध कब्जे से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं लेकिन अभी तक इस पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष भूमि सर्वेक्षण में अपनी जमीन का रिकार्ड ठीक करने के लिए रैयत कागजात खोज रहे हैं। लेकिन, इस मामले में सरकार का हाल कुछ अधिक बुरा है। सरकार के पास कागजात तो हैं, लेकिन जमीन नहीं मिल रही है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल के अनुसार, अब तक की खोजबीन से पता चल रहा है कि राज्य सरकार की करीब 52 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। वैसे, मंत्री का दावा आंशिक अतिक्रमण की ओर इशारा करता है। सच यह है कि अभी सरकार अपनी जमीन का भी हिसाब ठीक नहीं कर पा रही है।
पिछले महीने मंत्री के स्तर पर विभागीय कामकाज और खास कर सर्वे की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। उसमें सरकारी जमीन के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया था। उसके मुताबिक, राज्य के 45 हजार 859 मौजों में से करीब 1952 में उपलब्ध सरकारी जमीन का विवरण ही अबतक ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया गया है।
बैठक में उपस्थित अपर समाहर्ताओं को कहा गया कि वे जल्द से जल्द सरकारी जमीन की एंट्री ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें। इसमें सुस्ती करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
भूमि सुधार विभाग ने सभी विभागों को किया था आगाह
इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सरकार के सभी विभागों को पत्र लिख कर आगाह किया था कि वह अपने विभाग की जमीन का म्युटेशन करा लें। अगर उस पर अवैध कब्जा है तो अंचल कार्यालय में शिकायत करें। प्रशासन की मदद से अवैध कब्जा से जमीन मुक्त कराकर बाउंड्री करा लें।सर्वे में बाधक बन सकता है अवैध कब्जा
इस पत्र पर सभी विभागों ने बराबर ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बना हुआ है। यह सर्वे में बाधक भी बन सकता है। शिक्षा, जल संसाधन, स्वास्थ्य आदि विभागों की जमीन पर अधिक अवैध कब्जा है। सरकार ऐसी शिकायतों की भी जांच कर रही है, जिसके अनुसार अवैध कब्जेदारों के नाम सरकारी जमीन की जमाबंदी भी कायम हो चुकी है।
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