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अनुकंपा वाली नौकरियों को लेकर नीतीश सरकार का आया नया निर्देश, बालिग होने के एक साल के भीतर करना होगा ये काम

बिहार में नीतीश सरकार ने अनुकंपा पर मिलने वाली नौकरी को लेकर एक नया निर्देश जारी किया है। विभाग की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि बालिग होने के एक वर्ष के अंदर अनुकंपा पर नियोजन को लेकर दावा पेश करना होगा। अगर समय पर दावा पेश नहीं किया गया तो नौकरी मिलने में मुश्किल हो सकती है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mukul Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 05:32 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। किसी सरकारी कर्मी की सेवा अवधि में मृत्यु के दौरान उसके नाबालिग आश्रित को किस तरह से अनुकंपा के आधार पर नियोजन हासिल होगा इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है।

यह बताया गया है कि सरकारी सेवक का आश्रित अगर नाबालिग है तो बालिग होने के एक वर्ष के अंदर उसे अनुकंपा पर नियोजन के लिए अपना दावा पेश करना होगा।

इस संबंध में नियम का हवाला देते हुए कहा गया कि इस आशय का परिपत्र 30 अगस्त 2019 को जारी किया गया था। इसलिए इस तिथि के बाद बालिग होने वाले आश्रितों के संदर्भ में यह प्रविधान प्रभावी होगा।

एनएमआर से राज्य के 45 हजार से अधिक डॉक्टरों का लेखा-जोखा

बिहार के तकरीबन 45 हजार एमबीबीएस डॉक्टरों को अब अपनी सभी मेडिकल डिग्री, कार्य अनुभव, पेश में बिताए गए वर्ष समेत अन्य सभी जानकारियां केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए नेशनल मेडिकल रजिस्टर में दर्ज करनी होंगी। यही नहीं उनका वर्तमान पता, आधार, पंजीयन भी इस रजिस्टर में दर्ज करना होगा।

देश में वर्तमान में डॉक्टरों का कोई प्रमाणिक डाटा नहीं है। जो डाटा है भी वह बिखरा हुआ है। बिहार के साथ ही देश के स्तर पर डॉक्टरों के बिखरे हुए डाटा को संशोधित और अपग्रेड करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस कमी को नेशनल मेडिकल रजिस्टर यानी एनएमआर पूरा करेगा।

केंद्र सरकार स्वास्थ्य का इकोसिस्टम बनाना चाहती है। इसी कड़ी में डॉक्टरों का डाटा बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। डॉक्टरों का ब्योरा एनएमआर में दर्ज होने के बाद राज्य अथवा केंद्र सरकार के लिए जानना बेहद आसान हो जाएगा कि प्रदेश या देश में डॉक्टरों की कुल संख्या कितनी है।

बीते कुछ वर्षो में कितने डॉक्टरों ने देश छोड़ा, इसके साथ ही डॉक्टरों की स्कूल, कालेज की शिक्षा के साथ डॉक्टरों की डिग्री और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां भी सरकार के लिए सहज उपलब्ध हो जाएंगी।

सूत्रों की माने जो नेशनल मेडिकल रजिस्टर में देश के 13 लाख से अधिक डॉक्टरों का डाटा सुरक्षित किया जाएगा। बता दें कि एनएमआर में पंजीकरण एक बहुत ही सरल ऑनलाइन प्रक्रिया है। इससे सभी मेडिकल कालेज अस्पताल, मेडिकल संस्थान एसएमसी पोर्टल पर आपस में जुड़े होंगे।

इनमें से कुछ हिस्सा आम पब्लिक देख सकेगी। जबकि पूरा डाटा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, राज्य चिकित्सा परिषद, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड और मेडिकल में नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड और पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) को आवश्यकताओं के अनुसार दिखायी देगा।

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