Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

नगर निकाय चुनाव के लिए कोर्ट पहुंची बिहार सरकार, पुराने आदेश में हो सकता है जरूरी बदलाव

सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर सुनवाई बुधवार को होगी। बता दें कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर 2022 से शुरू होने वाले थे

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyUpdated: Mon, 17 Oct 2022 08:33 PM (IST)
Hero Image
नगर निकाय चुनाव को लेकर बुधवार को सुनवाई होगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : आरक्षण के सवाल पर निकाय चुनावों पर पटना हाईकोर्ट की रोक के मामले में सरकार की सक्रियता बढ़ गई है। पहले चर्चा थी कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। लेकिन, सोमवार को सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। सरकार का आग्रह था कि इसपर जल्द से जल्द सुनवाई हो। इस मामले की सुनवाई बुधवार (19 अक्टूबर) को होगी। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर 29 सितंबर, 2022 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। चार अक्टूबर को कोर्ट का फैसला आया। इसके बाद चुनाव की प्रक्रिया रुक गई। गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले थे, लेकिन पटना हाइकोर्ट के निर्णय के आलोक में इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करना पड़ा।

कोर्ट ने फैसले में किया था स्पष्ट

कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि प्रविधान के अनुसार ओबीसी/इबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक कि राज्य सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच की अहर्ताएं पूरी नहीं कर लेती है। सुप्रीम कोर्ट के तीन जांच के प्रविधान के तहत ओबीसी/ईबीसी के पिछड़ेपन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग की सिफारिश के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकायों में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत है। साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीट के पचास फीसदी की सीमा को पार नहीं करे।

कई बिंदुओं पर तथ्य रखने को सुनवाई की जाए

राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में ये पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले में कई बिंदुओं पर तथ्य रखने के लिए इसपर सुनवाई की जाए। सूत्रों ने बताया कि पुनर्विचार याचिका पर पटना हाईकोर्ट के निर्णय होने के बाद ही राज्य सरकार आगे की रणनीति तय करेगी। 

कोई नया तथ्य शामिल नहीं: ललित किशोर

महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि पुनर्विचार याचिका में सरकार की ओर से कोई नया तथ्य शामिल नहीं किया गया है। सरकार का मत है कि निकाय चुनाव में आरक्षण के बारे में उपलब्ध कराए गए तथ्यों पर फिर से गौर करने की जरूरत है। संभव है कि उन तथ्यों पर दोबारा गौर करने पर न्यायालय अपने पूर्व के आदेश में जरूरी बदलाव करे।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें