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बिहार के सरकारी स्‍कूलों में अब केवल पांच दिन पढ़ाई, नीतीश कुमार ने की तीन बड़े बदलावों की शुरुआत

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्‍कूलों में तीन बड़े बदलावों की शुरुआत की है। सरकारी स्‍कूलों में नवाचार को बढ़ावा देने की कवायद तेज। शिक्षा दिवस पर नो बैग योजना का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ। सोमवार से शुक्रवार तक ही होगी पढ़ाई

By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Fri, 11 Nov 2022 03:28 PM (IST)
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बिहार के स्‍कूलों में सोमवार से शु्क्रवार तक होगी पढ़ाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के सरकारी स्‍कूलों में नवाचार को बढ़ावा देने वाली एक बड़ी पहल शिक्षा विभाग ने शुरू की है। इससे बच्‍चों का स्‍कूल के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा। अब बिहार के सरकारी स्‍कूलों में हफ्ते में केवल पांच दिन ही पढ़ाई होगी। सोमवार से शुक्रवार तक पांच दिन ही बच्‍चों को किताब-कापी लेकर स्‍कूल आना होगा। शनिवार को बच्‍चे स्‍कूल तो आएंगे, लेकिन बिना किताबों वाला बस्‍ता लिए।   

राज्‍यपाल फागु चौहान भी हुए शामिल 

शुक्रवार को राजधानी के एसके मेमोरियल हाल में शिक्षा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार, वित्‍त मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व राज्‍यपाल फागू चौहान और सीएम नीतीश कुमार ने मौलाना आजाद की तस्‍वीर पर पुष्‍पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सीएम ने एप लांच किया। पुस्‍तक का विमोचन भी किया। 

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शिक्षा दिवस समारोह से हुआ शुभारंभ 

समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूलों में शनिवार को नो बैग योजना का शुभारंभ किया। अब स्कूली बच्चे शनिवार को बिना बैग के स्कूल आएंगे। इस दिन बच्चे केवल खेलेंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने स्वच्छ विद्यालय पोर्टल का भी शुभारंभ किया। शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

पोशाक और किताब की राशि सीधे खाते में 

मुख्यमंत्री द्वारा जयंती समारोह में ही बच्चों को पोशाक एवं किताब के लिए भेजी जाने वाली राशि उनके एकाउंट में भेजी गई। साथ ही विद्यालय निरीक्षण एप का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल रहे।

इस वर्ष किसी को नहीं मिला शिक्षा पुरस्कार 

इस वर्ष किसी को शिक्षा विभाग की ओर से मौलाना अबुल कलाम शिक्षा पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगा था, लेकिन एक भी आवेदन मानकों पर खरा नहीं पाया गया। इसलिए विभाग ने इस वर्ष पुरस्कार नहीं देने का निर्णय लिया है।

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