Bihar Bhumi: जमीन सर्वे की हर समस्या होगी दूर, आपके दरवाजे आएगी नीतीश सरकार; भूमि सुधार मंत्री का एलान
Bihar Bhumi Survey बिहार सरकार भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए रैयतों के घर तक पहुंचेगी। राजस्व मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि लोग परेशान न हों और अकारण अंचल कार्यालयों का चक्कर न लगाएं। सभी कागजात ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो अधिकारी और कर्मचारी रैयतों के घर जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Land Survey 2024 बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने भरोसा दिया है कि विशेष भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी परेशानी दूर करने के लिए सरकार रैयतों के दरवाजे पर जाएगी।
सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोग परेशान न हों। अकारण अंचल कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाएं। सभी कागजात ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इससे भी अगर समस्या का निदान नहीं हुआ तो, हमारे अधिकारी और कर्मचारी रैयतों के दरवाजे पर जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि किसी नीतीश सरकार ने एक सौ तीस साल बाद पहली बार भूमि सर्वेक्षण कराने का साहस किया है। जटिल विषय है, इसलिए कुछ लोगों को कठिनाई हो सकती है।
हर परेशानी होगी दूर
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विशेष भूमि सर्वेक्षण कराने और रैयतों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं जनता की समस्या के समाधान के लिए हमेशा उपलब्ध हूं। लोग मेरे आवास और कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। भ्रष्टाचार की शिकायताें पर तुरंत कार्रवाई हो रही है।
दाखिल-खारिज के 94% मामले निष्पादित, फिर भी 53 हजार लंबित
पटना जिले में दाखिल-खारिज के 53 हजार से ज्यादा मामले जिला में लंबित हैं। इनमें 32 हजार से अधिक मामले ऐसे हैं, जो 75 दिनों से अधिक समय से अटके पड़े हैं।डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अंचलाधिकारियों को इन मामलों का तेजी से निष्पादन करने को कहा है। उन्होंने हिदायत दी है कि लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई के घेरे में आएंगे।
डीएम सोमवार को समाहरणालय सभागार में राजस्व मामलों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भूअर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन आदि की प्रगति का जायजा लिया।उन्होंने कहा कि किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का निर्धारित समय-सीमा के बाद एक भी आवेदन लंबित नहीं रहनी चाहिए।डीसीएलआर को डीएम ने कहा कि आपको हर सप्ताह कम से कम एक अंचल का निरीक्षण करना है। कर्मचारीवार विस्तृत समीक्षा करें। बीते 15 दिनों में पटना जिला में निष्पादित किए गए वादों की संख्या लगभग 5,868 है। यह प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि सुस्ती और लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने 90 दिन से अधिक समय से अतिक्रमण के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने को कहा। सबसे पुराने मामले की समीक्षा जिलास्तरीय टीम करेगी।यह भी पढ़ें: Bihar Bhumi Survey 2024: एक ही प्लॉट में दो के नाम, कैसे होगा सर्वे का काम? नोट करें एक-एक बात
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