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सिपाही से दारोगा तक थाना परिसर में ही रहेंगे, सरकार उपलब्ध कराएगी 1 BHK फ्लैट; पढ़ें पूरी डिटेल

बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के द्वारा राज्य में 9500 से अधिक सिपाहियों के रहने के लिए बैरक का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें करीब 27 हजार सिपाहियों के रहने के लिए 300 से अधिक भवन तैयार किए जा चुके हैं। शेष का निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है। महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भी बैरक का निर्माण किया जा रहा है।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 09 Sep 2024 08:28 PM (IST)
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बिहार में सिपाही से लेकर दारोगा तक थाना परिसर में ही रहेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। सिपाही से लेकर दारोगा रैंक तक के पुलिसकर्मियों के रहने की व्यवस्था जल्द ही थाना परिसर में ही होगी। पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद इस दिशा में काम शुरू हो गया है।

सिपाहियों के लिए जहां नए थाना भवनों ही पुलिस बैरक का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं दारोगा व थानेदार रैंक के पुलिस पदाधिकारियों के लिए थाना परिसर या उसके आसपास वन बीएचके फ्लैट की तरह आवास की सुविधा मिलेगी। इसके लिए जमीन चिह्नित करने को कहा गया है।

बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के द्वारा राज्य में 9500 से अधिक सिपाहियों के रहने के लिए बैरक का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें करीब 27 हजार सिपाहियों के रहने के लिए 300 से अधिक भवन तैयार किए जा चुके हैं। शेष का निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है।

महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भी बैरक का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए करीब 600 थानों को चिह्नित किया गया है। थाने में महिला पुलिसकर्मियों की क्षमता के अनुसार बैरक का निर्माण कराया जाएगा।

छोटे थानों में पांच, मध्यम संख्या वाले थानों में दस और बड़े थानों में 20 महिला पुलिसकर्मियों के रहने की व्यवस्था होगी। इतना ही नहीं, इसमें स्नानागार, शौचालय, रसोईघर आदि की भी व्यवस्था होगी।

पुराने थाना भवन की जगह नई इमारतें

राज्य के कई ऐसे पुलिस थाने हैं, जिनके पास बड़ा परिसर है। अगले चरण में ऐसे थाना भवनों में दारोगा रैंक के पुलिस पदाधिकारियों के लिए वन बीएचके फ्लैट बनाए जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही पुराने थाना भवनों को तोड़कर नए थाना भवन भी बनाए जाने हैं। इन नए थाना भवनों में ही पुलिस पदाधिकारियों के लिए आवासन की व्यवस्था होगी। जिन थाना भवनों के पास जमीन नहीं है, वहां आसपास की सरकारी जमीन चिह्नित कर निर्माण कराया जाएगा।

पुलिस मुख्यालय के अनुसार, राज्य में 528 थाना-ओपी को चिह्नित किया था जिन्हें नए भवन की जरूरत थी। इसमें करीब 250 थानों का निर्माण पूरा हो गया है, जबकि 278 थानों का निर्माण प्रक्रियाधीन है। शेष थाना भवनों का निर्माण कार्य दिसंबर, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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