बिहार सरकार अपनी योजना से बने गरीबों के घरों पर लगाएगी ठप्पा, ग्रामीण विकास विभाग ने दिए निर्देश
Bihar मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना (एमएमजीएवाई) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना व मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत बनाए जा रहे गरीबों के घरों पर राज्य सरकार योजना से संबंधित प्रतीक-चिह्न (लोगो) प्रदर्शित करेगी। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों व उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को निर्देश जारी किया गया है। लोगो ग्रामीण क्षेत्रों में उन सभी मकानों पर प्रदर्शित करने का निर्देश है।
राज्य ब्यूरो, पटना: मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना (एमएमजीएवाई), मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना व मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत बनाए जा रहे गरीबों के घरों पर राज्य सरकार योजना से संबंधित प्रतीक-चिह्न (लोगो) प्रदर्शित करेगी।
इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों व उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को निर्देश जारी किया गया है। लोगो ग्रामीण क्षेत्रों में उन सभी मकानों पर प्रदर्शित करने का निर्देश है, जिनका निर्माण इन योजनाओं के तहत किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दी यह जानकारी
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि 1996 से पहले इंदिरा आवास योजना के तहत बने आवास जर्जर हो गए हैं। इनमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के परिवार रहते हैं। इन परिवारों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही आवास योजनाओं से लाभ नहीं मिलता है।
यदि इन परिवारों के पास उपयुक्त आवास सुविधाएं नहीं हैं तो उनके लिए अन्य कल्याणकारी योजनाएं मायने नहीं रखतीं। ऐसे लोगों को घर बनाने के लिए राज्य सरकार ने धन मुहैया करने का निर्णय लिया है।
एमएमजीएवाई के तहत वे अपना घर बना सकेंगे और मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत पक्के घरों के निर्माण के लिए भूखंड खरीद सकेंगे।
चूंकि इन योजनाओं के तहत आवास निर्माण के लिए पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है, लिहाजा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आवास पर लोगो अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए।
80 करोड़ का आवंटन
उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने वर्ष 2023-24 में इन योजनाओं के लिए 80 करोड़ का आवंटन किया है। लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद इसे और बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत भूखंड खरीदने के लिए 60 हजार रुपये और इंदिरा आवास योजना के तहत निर्मित जीर्ण-शीर्ण आवासों के जीर्णोद्धार के लिए 1.20 लाख रुपये दिए जा रहे हैं।
40 प्रतिशत है राज्यांश
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा एक अप्रैल, 2016 से इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) कर दिया गया था।
पीएमएवाई-जी के तहत बनाए जा रहे आवास पर भी लोगो प्रदर्शित होगा, उसमें उल्लेख किया जाएगा कि इस योजना से निर्मित आवासों के लिए 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है।
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