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राजभवन और शिक्षा विभाग में फिर ठनी! KK Pathak के आदेशों से गवर्नर खफा, लिखवा दिया लेटर

पत्र में राजभवन ने राज्य सरकार से स्पष्ट तौर से कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों से जुड़े शिक्षा विभाग के उन आदेशों के मामले में सुधारात्मक निर्णय ले जो अलोकतांत्रिक एवं अवैधानिक है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बताया गया है कि राज्यपाल ने यह माना है कि शिक्षा विभाग के आदेशों से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 27 Dec 2023 09:37 PM (IST)
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राजभवन और शिक्षा विभाग में फिर ठनी! KK Pathak के आदेशों से गवर्नर खफा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को दिए जा रहे आदेशों और उच्च शिक्षा संबंधी फैसलों को लेकर राजभवन ने एकबार फिर कड़ी आपत्ति प्रकट की है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थु ने अफसरों की मनमानी की शिकायत करते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

पत्र में राजभवन ने राज्य सरकार से स्पष्ट तौर से कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों से जुड़े शिक्षा विभाग के उन आदेशों के मामले में सुधारात्मक निर्णय ले, जो अलोकतांत्रिक एवं अवैधानिक है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बताया गया है कि राज्यपाल ने यह माना है कि शिक्षा विभाग के आदेशों से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है।

सरकार से अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का भी आग्रह

राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थु ने मुख्य सचिव को संबोधित करते हुए पत्र में लिखा है कि शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को दिए जा रहे निर्देश बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रविधानों और उन संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध है जो कुलाधिपति को अधिकार प्राप्त है। शिक्षा विभाग द्वारा राज्यपाल एवं कुलाधिपति के अधिकारों को चुनौती दी जा रही है जो असंवैधानिक व अलोतांत्रिक भी है।

बता दें कि राज्यपाल के निर्देश पर ही प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि बिहार विधान परिषद के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल ने 19 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात की थी और ज्ञापन भी दिया था। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा के कतिपय निर्णयों को असंवैधानिक और उनके विशेषाधिकारों का उल्लंघन बताया था।

राज्यपाल से शिक्षा विभाग के निर्देशों को रद्द करने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की अपील की थी। प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव से कहा है कि इस संदर्भ में राज्यपाल ने मुझे निर्देशित किया है कि मैं आपसे इस संदर्भ में तत्काल सुधारात्मक उपाय करने का अनुरोध करूं। उच्च शिक्षा के संदर्भ में शिक्षा विभाग द्वारा जारी तीन पत्रों का हवाला देकर प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

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