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Bihar Hooch Tragedy: सारण, सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से 'हाहाकार', सीमावर्ती जिलों में बढ़ेगी चौकसी

बिहार में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। सारण सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने शराबबंदी लागू कर रखी है लेकिन इसके बावजूद जहरीली शराब की तस्करी और बिक्री जारी है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा शनिवार को शराबबंदी की समीक्षा करेंगे।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 18 Oct 2024 06:01 PM (IST)
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बिहार में शराबबंदी का लीकेज ढूंढ रहा विभाग। प्रतीकात्मक तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। सारण, सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग नए सिरे से शराबबंदी का लीकेज ढूंढने में जुट गया है। राज्य में अवैध शराब या स्प्रिट के आने के रूट को तलाशा जा रहा है। इसके लिए सीमावर्ती जिलों के चेकपोस्ट पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, बिहार की सीमा से गुजरकर दूसरे राज्यों तक जाने वाले शराब लदे वाहनों की निगरानी भी और सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार, दूसरे राज्यों से आने-जाने वाली शराब लदीं गाड़ियाें के बिहार की सीमा पर पहुंचते ही उन्हें रोककर डिजिटल लॉक लगाने का प्रविधान है। इसके साथ ही जीपीएस से भी मॉनिटरिंग की जाती है।

अब अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह जीपीएस के जरिए यह जांचें कि ऐसी गाड़ियां किन जगहों पर कितनी देर रुक रहीं हैं। डिजिटल लॉक लगीं ऐसी गाड़ियां अगर दस मिनट से अधिक एक जगह पर रुकेंगी तो उनके ड्राइवर से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा, उनके रूट पर भी नजर रखी जा रही है।

नौ साल में 28वीं घटना, मृतकों का आंकड़ा 300 पार

बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। इसके बाद से अभी तक जहरीली शराब से मौत के 28 कांड हो चुके हैं। सिवान, सारण और गोपालगंज के ताजा मामले को जोड़ दें तो अब तक जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 300 पार कर चुका है।

ध्यान देने वाली बात है कि शराब से मौत के सर्वाधिक मामले गोपलागंज, सारण, सिवान और मोतिहारी जैसे सीमावर्ती जिलों में देखने को मिले हैं। इसके अलावा वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नालंदा, नवादा जैसे जिलों में भी जहरीली शराब से मौतें हुई हैं।

विभाग के अनुसार, शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से मौत का पहला बड़ा मामला 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में हुआ था जिसमें 19 की मौत हुई थी। वर्ष 2019 और 2020 में जहरीली शराब से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। आखिरी बार अप्रैल, 2023 में सिवान और पूर्वी चंपारण में जहीरीली शराब से 51 लोगों की मौत हुई थी। करीब डेढ़ साल बाद फिर जहरीली शराब ने मौत बांटी है।

आज मुख्य सचिव करेंगे शराबबंदी की समीक्षा:

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में शुक्रवाद को दिनभर गहमागहमी रही। अधिकारी शराबबंदी से जुड़े आंकड़े जुटाते और फाइल पलटते दिखे। शनिवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा शराबबंदी की समीक्षा करेंगे। इसमें विभाग के सभी वरीय अधिकारी शामिल होंगे।

दूसरी ओर, विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल भी सारण और सिवान के प्रभावित इलाकों का दौरा कर मुख्यालय लौट आए हैं। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट बनाने का काम जारी रहा। इसे शनिवार को सौंपा जा सकता है।

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