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Bihar Indira Awas Yojana: अधूरे इंदिरा आवास को पूरा कराने की पहल, बक्सर-बांका में 100 प्रतिशत हुआ निर्माण

बिहार में तय लक्ष्य के अनुसार वित्तीय वर्ष 2012 से 2016 तक 161990 आवास का निर्माण होना था लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। वर्तमान में 126363 आवास का निर्माण अधूरा है। इस बीच समय के साथ महंगाई भी बढ़ती चली गई। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से अधूरे भवनों के निर्माण को अविलंब पूरा कराने के लिए राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 05 Aug 2024 06:14 PM (IST)
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वर्तमान में 1,26,363 आवास का निर्माण अधूरा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार विधानसभा चुनाव को लक्ष्य कर बिहार में दस वर्षों से अधूरे इंदिरा आवास (Indira Awas Yojana) का काम पूरा कराने की तैयारी में जुट गई है। इस संदर्भ में ग्रामीण विकास विभाग ने केंद्र सरकार पर भी दबाव बढ़ा दिया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) कर दिया था। इस बीच तय लक्ष्य के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2012 से 2016 तक 1,61,990 आवास का निर्माण होना था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। वर्तमान में 1,26,363 आवास का निर्माण अधूरा है।

इस बीच समय के साथ महंगाई भी बढ़ती चली गई। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से अधूरे भवनों के निर्माण को अविलंब पूरा कराने के लिए राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। साथ ही ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने जिलों को पत्र लिखकर अधूरे आवास का जिलावार ब्योरा मांगा है।

अभी तक के आकलन के अनुसार राज्य में सबसे कम आवास किशनगंज, गोपालगंज, मुंगेर, शिवहर एवं रोहतास जिले में पूर्ण हुए हैं। वहीं, सौ प्रतिशत काम बक्सर एवं बांका जिले में पूरा कर लिया गया है।

किशनगंज में मात्र 0.84 प्रतिशत आवास बने

ग्रामीण विकास विभाग को अभी तक जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार किशनगंज में मात्र 0.84 प्रतिशत इंदिरा आवास निर्माण पूर्ण हुआ है। वहीं, गोपालगंज में 1.71, मुंगेर में 3.14, शिवहर में 4.51, रोहतास में 1.97, दरभंगा में 4.48 आवास का निर्माण हुआ है।

अररिया में 36, पूर्णिया में 13, समस्तीपुर में 32, बेगूसराय में 10, पश्चिमी चंपारण में 9.68, मधेपुरा में 7.54, मधुबनी में 10, सिवान में 13.52, सारण में 31.75, पटना में 39.01 प्रतिशत आवास बने हैं। जबकि, सहरसा में 26.04, कटिहार में 19.9, भोजपुर में 12.09, कैमूर में 21.24, जमुई में 31.97, मुजफ्फरपुर में 29.03 प्रतिशत ही आवास का निर्माण हो सका है।

वहीं, भागलपुर में 7.88, अरवल में 16.05, नालंदा में 17.09, शेखपुरा में 15.36, लखीसराय में 8.81, औरंगाबाद में 13.40, जहानाबाद में 17.68, बांका में 85 एवं सीतामढ़ी में 74.14, नवादा में 47.79, वैशाली में 72.47, प्रतिशत आवास बने हैं।

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