बिहार में नशीले इंजेक्शन का जानलेवा खेल... बिना पर्ची के मेडिकल स्टोर पर बिक रही ये दवा, अब पुलिस ने कसा शिकंजा
Bihar News बिहार के कई जिलों में नशीले इंजेक्शन का खेल खुलेआम चल रहा है। इसमें नशेड़ियों से लेकर मेडिकल स्टोर के संचालकों तक की संलिप्तता पाई गई है। पुलिस ने दो नशेड़ियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से आठ हजार 22 वाला लीजेसिक एनआरएक्स इंजेक्शन बरामद किया गया है जो एनडीपीएस की श्रेणी में आता है।
जागरण संवाददाता, पटना। डॉक्टर की पर्ची देखे बगैर नशीले इंजेक्शन की बिक्री और सेवन के खिलाफ बहादुरपुर थाने की पुलिस और औषधि विभाग ने संयुक्त कार्रवाई की। इसमें दो नशेड़ी समेत दवा कारोबार से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही आठ हजार 22 वाला लीजेसिक एनआरएक्स इंजेक्शन जब्त किया गया, जो नशीले पदार्थ और मनोदैहिक दवाएं (NDPS) की श्रेणी में आता है।
औषधि विभाग ने जब्त दवा की कीमत लगभग तीन लाख रुपये बताई है। थानेदार लालमणि दुबे ने बताया कि नशेड़ियों को पकड़ने के बाद कड़ी दर कड़ी जोड़ कर पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाया। सहयोग के लिए औषधि विभाग की टीम को शामिल किया गया था। आरोपितों के पास से छह मोबाइल जब्त किए गए हैं। उनकी जांच की जा रही है।
नशेड़ियों से परेशान थे संदलपुर मोहल्लावासी
थानेदार को सूचना मिली कि संदलपुर देवी मंदिर के पास नशेड़ियों का जमघट लगता है, जिससे मोहल्लावासी परेशान हैं। इसके बाद पुलिस ने मौके से इलाके के दो युवकों अजीत कुमार और करण को नशीली सुई लेते पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बताया कि ये सुई चौक थाना क्षेत्र के नालारोड स्थित बजरंगी मेडिकल हॉल नामक दुकान से खरीदी गई है।
इसके बाद औषधि विभाग की टीम के साथ वहां दबिश दी गई। वहां से उस सुई के साथ रजनीश कुमार को पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर सब्जीबाग के बजरंग मेडिकल में छापेमारी के दौरान बड़ी खेप के साथ ओमप्रकाश उर्फ मुन्ना और अभिषेक को गिरफ्तार किया गया।
नालंदा से भी गिरफ्तारी
उन्होंने नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मई गांव निवासी अमरजीत को आपूर्तिकर्ता बताया, जिसे पुलिस ने गोविंद मित्रा रोड में धर दबोचा। वह पूर्व में आर्म्स एक्ट और चोरी का सामान रखने के आरोप में पत्रकार नगर थाने से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
उसके बयान पर कंकड़बाग के मलाहीपकड़ी रोड स्थित बजरंग मेडिकल हाल में छापेमारी कर सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिर पुलिस हनुमान नगर स्थित अजय मेडिकल हॉल पहुंची थी। हालांकि, उसका मालिक अजय कुमार फरार हो गया।
मुंहमांगी कीमत पर बिकती थी ये सुई
संयुक्त टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया कि लेजेसिक एनआरएक्स सुई का उपयोग अफीम और गांजा जैसे नशे के आदी लोगों को सेवन से मुक्त कराने के लिए किया जाता है। इन दवाओं को आम रिटेल दुकानों पर बेचने की अनुमति नहीं है। इनका उपयोग अस्पतालों और पुनर्वास केंद्रों में किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि वहां से निकलने के बाद कुछ रोगियों को डॉक्टर पर्ची पर लिखकर ये दवा देते हैं। उसे बेचने से पहले पुर्ची देखना अनिवार्य है। साथ ही हर वाइल का रिकॉर्ड भी रखना होता है कि उसे किस डॉक्टर के कहने पर किस मरीज को दिया गया। हालांकि, आरोपित ऐसा नहीं कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि अमरजीत उक्त दुकानों में जाकर वाइल लेता और उसे मुंहमांगी कीमत पर नशेड़ियों को उपलब्ध करता था। दुकानदार भी अधिक कीमत लेकर अमरजीत को आपूर्ति करते थे।
ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News: सुनवाई में अनुपस्थित रहने पर तीन सीओ और सात SHO पर कार्रवाई, DM ने लिया बड़ा एक्शन
ये भी पढ़ें- बिहार में Dengue और Viral Fever का प्रकोप; अस्पतालों में मरीजों की लंबी-लंबी लाइन, दवा कारोबार में उछाल दर्ज