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Bihar Jamin Jamabandi: जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव, नीतीश सरकार को राजस्व में हुआ तगड़ा घाटा

राजस्व में कमी का मुख्य कारण रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव रहा। अब जमाबंदी में बेचने वाले का नाम अनिवार्य कर दिया गया है। इससे रजिस्ट्री की संख्या 50 प्रतिशत से भी ज्यादा घट गई। इसका सीधा प्रभाव राजस्व पर पड़ा। बता दें कि एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक जिला निबंधन कार्यालय में 19 207 दस्तावेजों के आधार पर निबंधन हुआ।

By Vyas Chandra Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 01 Apr 2024 02:34 PM (IST)
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जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव, नीतीश सरकार को राजस्व में हुआ तगड़ा घाटा (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना। जमीन से लेकर मकान तक की रजिस्ट्री से जिला निबंधन कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 31 मार्च तक करीब 503 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में करीब 33 करोड़ रुपये कम राजस्व मिले हैं।

पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य 470 करोड़ की जगह 536 करोड़ राजस्व प्राप्ति हुई थी। जिला भर की बात करें तो करीब 1137 करोड़ राजस्व मिला है, जबकि लक्ष्य 1596 करोड़ का था। पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य 1285 करोड़ राजस्व लक्ष्य की तुलना में 13 सौ करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी।

जमाबंदी में विक्रेता का नाम अनिवार्य किए जाने से घटी रजिस्ट्री

राजस्व में कमी का मुख्य कारण रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव रहा। अब जमाबंदी में बेचने वाले का नाम अनिवार्य कर दिया गया है। इससे रजिस्ट्री की संख्या 50 प्रतिशत से भी ज्यादा घट गई। इसका सीधा प्रभाव राजस्व पर पड़ा।

एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक जिला निबंधन कार्यालय में 19, 207 दस्तावेजों के आधार पर निबंधन हुआ। पटना सदर के अलावा पटना सिटी, दानापुर, बाढ़, बिक्रम, संपतचक, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, फतुहा और बिहटा निबंधन कार्यालयों में पिछले वित्तीय वर्ष में 119574 दस्तावेजों का निबंधन हुआ था।

इस वर्ष इनकी संख्या में करीब 15 हजार की कमी आ गई। जिला अवर निबंधक धनंजय कुमार राव भी नए नियम को राजस्व में कमी का कारण मानते हैं।

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