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Bihar Jamin Jamabandi: जमाबंदी की आधार सीडिंग में सुस्ती पर बिफरे DM चंद्रशेखर सिंह, 4 सीओ से स्पष्टीकरण

जमाबंदी की आधार सीडिंग में सुस्ती को लेकर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। एक महीने में फतुहा में आठ पटना सदर में 22 धनरुआ में 28 और पुनपुन में केवल 47 जमाबंदियों की आधार सीडिंग की गई है। डीएम ने निर्देश दिया है कि समय सीमा के बाद किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज और परिमार्जन का मामला लंबित नहीं रहना चाहिए।

By Vyas Chandra Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 28 Oct 2024 06:45 PM (IST)
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राजस्‍व मामलों की समीक्षा करते जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह। सौ-जिला प्रशासन
जागरण संवाददाता, पटना। एक महीना में फतुहा में आठ, पटना सदर में 22, धनरुआ में 28 एवं पुनपुन में केवल 47 जमाबंदियों की आधार सीडिंग (Bihar Jamabandi Aadhaar Seeding) की गई। इसपर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण किया है। वे सोमवार को राजस्व मामलों की समाहरणालय में समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने हिदायत दी कि समय सीमा के बाद किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का मामला लंबित नहीं रहना चाहिए। एक्सपायर्ड आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रखें। अन्यथा लापरवाह अंचलाधिकारी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

दाखिल-खारिज पर डीएम ने दिए सख्त निर्देश

75 दिनों से अधिक समय से दाखिल-खारिज के आवेदन लंबित रहने को डीएम ने गंभीरता से लिया। उन्होंने सभी डीसीएलआर को प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक अंचल का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि आज की तिथि में दाखिल-खारिज के 45,272 मामले लंबित हैंं। इनमें से 9,682 आवेदन 35 दिन से अधिक तथा 30,526 आवेदन 75 दिनों से अधिक समय से लंबित है। एक माह में प्राप्त आवेदनों की संख्या में निष्पादन लगभग दुगुना है। यह प्रशंसनीय है। उन्होंने अंचलाधिकारियों की सराहना की।

आवेदनों का समय-सीमा के अंदर निष्पादन नहीं करने, नापीवाद एवं अतिक्रमणवाद का विधिवत संचालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 28 सितंबर से 28 अक्टूबर तक दाखिल-खारिज के मामले में बेलछी, पुनपुन, बिक्रम, बख्तियारपुर एवं धनरुआ ने अच्छी प्रगति की है जबकि खुसरूपुर, बिहटा, अथमलगोला, मोकामा एवं घोसवरी का प्रदर्शन खराब रहा है।

वहीं, 75 दिनों से अधिक समय से लंबित दाखिल-खारिज के मामलों में खुसरूपुर, दनियावां, घोसवरी, बेलछी एवं पंडारक में काफी कम आवेदन लंबित हैं। वहीं बिहटा, पटना सदर, संपतचक, धनरुआ एवं फुलवारीशरीफ में इनकी संख्या काफी ज्यादा है। डीएम ने संबंधित सीओ को तुरत स्थिति में सुधार का निर्देश दिया। वहीं, परिमार्जन में बख्तियारपुर, दुल्हिनबाजार, पटना सदर एवं धनरुआ के सीओ को बेहतर करने काे कहा गया। उन्होंने कहा कि सभी अंचलाधिकारी नियमित रूप से राजस्व कर्मचारीवार दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के मामलों की समीक्षा करें।

कल्याण, पंचायती राज, समाज कल्याण एवं अन्य योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता कराने की जिम्मेदारी अपर समाहर्ता को दी। चिह्नित भूमि की एनओसी अंचलाधिकारी देंगे।

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