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Bihar Land Registry Revenue: जमाबंदी की शर्त के बाद रजिस्ट्री में भारी कमी, नीतीश सरकार को 1000 करोड़ का नुकसान

निबंधन विभाग का वित्तीय वर्ष 2023-24 का राजस्व लक्ष्य सात हजार करोड़ तय किया गया है। इसके विरुद्ध 13 मार्च तक 6019 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो पाया है। यह कुल राजस्व का महज 85 प्रतिशत है। मार्च वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना है और अब एक पखवारा ही शेष है। इसमें करीब एक हजार करोड़ की राजस्व वसूली मुश्किल है।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 14 Mar 2024 07:39 PM (IST)
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जमाबंदी की शर्त के बाद रजिस्ट्री में भारी कमी, नीतीश सरकार को 1000 करोड़ का नुकसान
राज्य ब्यूरो, पटना। जमीन की खरीद-बिक्री में जमाबंदी की अनिवार्यता की शर्त जोड़ने के बाद से निबंधन में 60 से 70 प्रतिशत तक कमी आई है। पहले राज्य में औसत पांच हजार दस्तावेजों का प्रतिदिन निबंधन होता था जो अब औसत 1500 तक रह गया है। इसका प्रभाव निबंधन विभाग के राजस्व लक्ष्य पर भी पड़ा है।

नतीजा इस वर्ष राजस्व लक्ष्य हासिल कर पाना लगभग नामुमकिन हो गया है। निबंधन विभाग का वित्तीय वर्ष 2023-24 का राजस्व लक्ष्य सात हजार करोड़ तय किया गया है। इसके विरुद्ध 13 मार्च तक 6019 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो पाया है। यह कुल राजस्व का महज 85 प्रतिशत है। मार्च वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना है और अब एक पखवारा ही शेष है। इसमें करीब एक हजार करोड़ की राजस्व वसूली मुश्किल है।

20 दिनों में महज 187 करोड़ ही राजस्व

निबंधन विभाग ने पिछले माह 22 फरवरी को जमाबंदी की अनिवार्यता का आदेश लागू किया है। इसके अनुसार, राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी, अब सिर्फ वही उस संपत्ति की बिक्री या पुन: निबंधन करा सकेंगे। निबंधन कार्यालयों को जमाबंदी कायम होने का साक्ष्य देने पर ही आवेदक को संबंधित संपत्ति को बेचने की अनुमति मिलेगी।

जमीन विवाद के बढ़ते मामलों से निबटने के लिए निबंधन विभाग ने यह नियम लागू किया था। फ्लैट और अपार्टमेंट की बिक्री के लिए जमाबंदी से जुड़ा आदेश प्रभावी नहीं है। विभागीय जानकारी के अनुसार, आदेश लागू होने से पहले 21 फरवरी तक विभाग ने 5832.67 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर लिया था। यह फरवरी तक के कुल राजस्व लक्ष्य का 94 प्रतिशत था।

आदेश लागू होने के बाद से अब तक करीब 20 दिनों में महज 187 करोड़ रुपये का ही राजस्व निबंधन से प्राप्त हो पाया है। अमूमन वर्ष का आखिरी माह होने के कारण मार्च में सर्वाधिक राजस्व वसूली होती है, मगर इस साल मार्च में राजस्व बढ़ने के बजाय घट गया है।

अंचलों के सभी हल्कों में लग रहा शिविर

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने नए आदेश के अुनपालन को लेकर सभी जिला निबंधक, जिला अवर निबंधक व प्रमंलीय सहायक निबंधन महानिरीक्षकों को पत्र लिखा है। इसमें जमाबंदी के कारण हो रही कठिनाई को दूर करने के लिए अंचलों के सभी हल्कों में शिविरि आयोजित करने की जानकारी दी गई है।

पिछले पांच सालों में निबंधन राजस्व

वित्तीय वर्ष : लक्ष्य : प्राप्ति : प्रतिशत

2019-20 : 4700 करोड़ : 4647 करोड़ : 98.88 प्रतिशत

2020-21 : 4700 करोड़ : 4257 करोड़ : 90.59 प्रतिशत

2021-22 : 5060 करोड़ : 5215 करोड़ : 103 प्रतिशत

2022-23 : 5500 करोड़ : 6583 करोड़ : 119 प्रतिशत

2023-24 : 7000 करोड़ : 6019 करोड़ : 85 प्रतिशत

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