Bihar Land Survey Documents: विशेष जमीन सर्वे के लिए देने होंगे 8 तरह के कागजात, अच्छे से जान लें सरकार के नियम
विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम एक चरणबद्ध एवं कालबद्ध प्रक्रिया है। ऐसे में प्रपत्र दो एवं तीन (1) प्राप्त नहीं होने पर बाद में रैयतों को बाद में समस्या हो सकती है ऐसा इसलिए कि भविष्य में भूमि से संबंधित लगान भूमि का हस्तांतरण और क्रय-विक्रय का आधार बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम तथा नियमावली के आलोक में तैयार अधिकार अभिलेख (राइट ऑफ रिकॉर्ड्स) ही होगा।
जागरण संवाददाता, पटना। जमीन का विशेष सर्वेक्षण (Land Survey In Bihar) शुरू हो गया है। इसके लिए भू-स्वामी (जमीन मालिक) को स्वघोषणा पत्र, वंशावली के साथ जमीन से संबंधित कागजात जमा करने होंगे। ऐसा नहीं करने पर भविष्य के लिए परेशानी हो सकती है, इसलिए रैयतों के लिए विशेष सर्वेक्षण कराना जरूरी है।
लोगों को समस्या नहीं हो इसके लिए पटना के सभी 23 अंचलों में इसके लिए शिविर प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं।
शहरी निकायों की स्थानीय सीमा के भीतर के क्षेत्रों को छोड़कर सभी अंचलों के राजस्व ग्राम में सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कराने के लिए भू स्वामी को स्वघोषणा पत्र और वंशावली क्रमश: प्रपत्र दो एवं तीन(1) में जमा करना है।
इस वेबसाइट पर जाएं
रैयत इसके लिए बिहार सरकार के भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की वेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in पर जाना होगा। इस पेज पर विशेष सर्वेक्षण से संबंधित सेवाएं, में जाएंगे। वहां स्वामित्व, धारित भूमि की स्वघोषणा एवं वंशावली के लिए दोनों प्रपत्र पर क्लिक कर भूमि का ब्योरा सुगमता से भर लेंगे।
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने आम सूचना में कहा है कि विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम एक चरणबद्ध एवं कालबद्ध प्रक्रिया है। ऐसे में प्रपत्र दो एवं तीन(1) प्राप्त नहीं होने पर बाद में रैयतों को बाद में समस्या हो सकती है, ऐसा इसलिए कि भविष्य में भूमि से संबंधित लगान, भूमि का हस्तांतरण और क्रय-विक्रय का आधार बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम तथा नियमावली के आलोक में तैयार अधिकार अभिलेख (राइट आफ रिकार्ड्स) ही होगा।
इसके लिए शिविर प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। इनके अलावा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) एवं प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी से भी जानकारी ली जा सकती है।वंशावली में यह बताना होगा कि उक्त भूमि पर शांतिपूर्ण दखल-कब्जा है। भूमि स्वत्ववाद से मुक्त है। अत: वंशावली के आधार पर संबंधित भूमि मं उत्तराधिकार-बंटवारा के आधार पर सर्वेक्षण प्रक्रिया से तैयार अधिकार अभिलेख में खाता खोलकर संबंधित खेसरों की प्रवृष्टि की जाए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ये कागजात होंगे जरूरी
- मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि व वर्ष
- जमाबंदी संख्या की विवरणी, मालगुजारी रसीद संख्या व वर्ष
- खतियान की नकल (उपलब्ध हो तो)
- दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेजों का विवरण
- यदि सक्षम न्यायालय का आदेश तो उसकी मूल प्रति
- आवेदनकर्ता का हित अर्जन करनेवाले का मृत के वारिस होने के संबंध में प्रमाण पत्र
- आवेदक के आधार कार्ड की छाया प्रति
- वोटर कार्ड की छायाप्रति